ईको पार्क,उधम सिंह नगर के जलाशयों के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों एवं डीएफओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने की बैठक।
रोशनी पांडे प्रधान संपादक
मुख्य सचिव ने की ईको पार्क,उधम सिंह नगर के जलाशयों के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों एवं डीएफओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक! देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में ईको पार्क के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों एवं डीएफओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का अधिकतम भूभाग वन क्षेत्र होने के कारण यह प्रदेश की आर्थिकी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हमें इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए प्रदेश के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराना है। *ईको पार्क तैयार कर स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है।*
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से जनपदों के प्रस्तावों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। कहा कि सीजन में प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में *क्षमता से अधिक पर्यटक आ रहे हैं।* आसपास के खूबसूरत स्थलों को *ईको टूरिज्म की दृष्टि से विकसित कर पर्यटकों को इन पर्यटन स्थलों की ओर मोड़ने की आवश्यकता है।* इससे इन नए पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग के आसपास अधिक से अधिक ईको पार्क विकसित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि *उधमसिंह नगर कुमांऊ क्षेत्र का द्वार है, इसके आसपास बहुत सी वाटर बॉडीज हैं, जिन्हें बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए विकसित कर आर्थिकी से जोड़ा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने ईको पार्क विकसित करने में कम से कम कंक्रीट और स्टील का प्रयोग करने के निर्देश भी दिए। कहा कि अधिक से अधिक लकड़ी और बांस का प्रयोग किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी कार्य समय से पूर्ण हो इसके लिए प्रत्येक स्तर की समय सीमा निर्धारित की जाए। प्रोजेक्ट्स की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। वन विभाग से सम्बन्धित प्रस्तावों को वन विभाग को शीघ्र भेजे जाएं।सभी जिलाधिकारियों ने अपने अपने जनपदों के प्रस्तावों पर विस्तार से जानकारी दी। जिलाधिकारियों द्वारा बताया गया कि अधिकतर प्रस्तावों में डीपीआर तैयार हो चुकी है। कुछ योजनाओं में कार्य प्रारम्भ भी हो चुका है।
रामनगर की पूर्व ब्लॉक प्रमुख बसंती महेन्द्र आर्य ने बताया कि उनके कार्यकाल में तुमड़िया डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेज गया था,जिसकी डीपीआर भी बन चुकी थी,और प्रथम क़िस्त के रुप में 5 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत हो गए थे।किन्तु ईमानदार और शरल विधायक की नाकामी से उस बजट को एक पूर्व शिक्षा मंत्री द्वारा अपने छेत्र के डेम को विकसित करने में स्वीकृत करा लिया, *तब से लेकर आज तक उनके द्वारा कई बार शासन प्रशासन ,पर्यटन एवम सिचाई मंत्री,मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विनम्र अनुरोध किया जा चुका है*
किन्तु आज तक उस प्रोजेक्ट फाइल जिसे *पर्यटन एवम सिचाई मंत्री सतपाल महाराज जी अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते फिरते थे,को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।बसंती महेन्द्र आर्य द्वारा सरकार से पुनः विनम्र निवेदन के साथ आगाह भी किया है कि इस पर्यटन स्थल के लिए पुनः बजट का आवंटन कर शीघ्रता से कार्य को सम्पन्न कराया जाए नही तो उन्हें अपने समर्थकों के साथ अनशन को मजबूर होना पड़ेगा।