कार्बेट टाइगर रिजर्व में हॉग डियर गणना पूरी, संरक्षण के लिए सकारात्मक संकेत
रामनगर, 01 जुलाई – प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड के निर्देश पर कार्बेट टाइगर रिजर्व में हॉग डियर (पाड़ा) की गणना वैज्ञानिक पद्धति से संपन्न की गई। यह गणना रिजर्व के सभी 12 रेंजों की बीट स्तर तक 22 से 24 मई के बीच सुबह 8:00 से 12:00 बजे तक की गई। गणना कार्य WWF इंडिया और कॉर्बेट फाउंडेशन के सहयोग से किया गया।
गणना कार्य में प्रत्यक्ष दृष्टि आधारित पद्धति (Direct Sighting) को अपनाया गया। प्रत्येक बीट में एक प्रगणक और दो सहायक नियुक्त किए गए थे जिन्हें प्रशिक्षण के उपरांत बीट भ्रमण हेतु भेजा गया।
गणना के प्रमुख निष्कर्ष:
कुल हॉग डियर (पाड़ा) देखे गए: 189
वयस्क: 156
शावक: 36
पिछली गणना (2021): 179 पाड़ा
ढिकाला रेंज में सर्वाधिक 175 पाड़ा दर्ज हुए, जो क्षेत्र की समृद्ध घासभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को दर्शाता है।
यह वृद्धि संरक्षण प्रयासों के लिए सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। हॉग डियर जैसे शाकाहारी प्राणी बाघ जैसे प्रमुख शिकारी प्रजातियों के लिए प्राकृतिक आहार श्रृंखला का हिस्सा होते हैं, अतः इनकी संख्या पारिस्थितिक संतुलन का महत्वपूर्ण संकेत देती है।
डॉ. साकेत बडोला, निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व ने बताया कि इस तरह की वैज्ञानिक गणनाएँ वन्यजीवों की वर्तमान स्थिति को समझने और भविष्य की संरक्षण रणनीति तैयार करने में अत्यंत उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व भविष्य में भी इस प्रकार के शोध आधारित संरक्षण प्रयास जारी रखेगा।