उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को देहरादून के ओएनजीसी ऑफिसर्स क्लब में बूढ़ी दिवाली, जिसे ईगास के नाम से जाना जाता है, के अवसर पर ‘हिमगिरि ओहो उमंगोत्सव’ कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने पारंपरिक खेल ‘भेलो’ भी खेला और राज्यवासियों को ईगास पर्व की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हिमगिरि सोसायटी समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपराएं और पहाड़ी परिधान राज्य की विशिष्ट पहचान हैं और यह हमारे गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि कई पर्वतीय क्षेत्रों में दिवाली 11 दिन बाद मनाई जाती है, क्योंकि भगवान श्रीराम के विजय का समाचार यहां देर से पहुंचा था।
मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से आग्रह किया कि वे अपने गांवों में जाकर ईगास और अन्य लोक पर्वों को मनाएं और इस परंपरा को अपनी नई पीढ़ी तक पहुंचाएं। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से भी आग्रह किया कि वे भी अपने गांव लौटकर इन पर्वों को मनाएं और अपनी संस्कृति को जीवित रखें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है और प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ राज्य स्थापना से पहले सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में उत्तराखंड को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने राज्य की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में रिकॉर्ड 18,500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसके साथ ही राज्य में धर्मांतरण विरोधी और दंगा रोधी कानून भी लागू किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में एक सशक्त भू कानून भी लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, विधायक संजय डोभाल, श्रीमती सुषमा रावत, गोपाल राणा, निदेशक खेल प्रशांत आर्य और आरजे काव्य सहित कई अन्य प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं।