उधम सिंह नगर क्राइम

काशीपुर में लगी भयावह आग, पांच घंटे की मशक्कत के बाद पाया गया काबू

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काशीपुर में लगी भयावह आग, पांच घंटे की मशक्कत के बाद पाया गया काबू

 

रोशनी पांडेप्रधान संपादक

काशीपुर (उधम सिंह नगर) – कुंडा थाना क्षेत्र के जसपुर रोड स्थित रजा कॉलोनी में शुक्रवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब मोहल्ला आर्य नगर निवासी आसिफ रजा के शटरिंग गोदाम में अचानक भीषण आग भड़क उठी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरा गोदाम जलकर राख हो गया। मौके पर दमकल की कुल 8 गाड़ियां आग बुझाने में लगीं, लेकिन प्रशासनिक अड़चनों के कारण आग पर काबू पाने में करीब पांच घंटे लग गए।

झाड़ियों से निकली चिंगारी ने लिया गोदाम को चपेट में

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम करीब सात बजे गोदाम के पिछले हिस्से से धुआं उठता दिखाई दिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आग ट्रांसफार्मर से निकले शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी, जिसकी चिंगारी पास की झाड़ियों में फैल गई और फिर शटरिंग गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया।

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5500 वर्गफीट का गोदाम, लाखों का सामान जलकर राख

गोदाम मालिक आसिफ रजा ने बताया कि उनका गोदाम लगभग 5500 वर्गफीट में फैला था जिसमें बल्लियां, एप्पलाई, सटक, कलम आदि शटरिंग के कीमती सामान रखे थे। घटना के वक्त वे गोदाम में मौजूद नहीं थे। एक स्थानीय निवासी के फोन से सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।

दमकल पहुंची देर से, रेलवे फाटक और ऊंचाई अवरोध बने बाधा

फायर ब्रिगेड को सूचना तुरंत दे दी गई थी, लेकिन पहले दमकल वाहन को घटनास्थल पर पहुंचने में 15-20 मिनट की देरी हुई। देरी का कारण रेलवे फाटक का बंद होना और महाराणा प्रताप चौक पर स्थित ओवरब्रिज पर लगा ऊंचाई अवरोधक रहा, जिससे दमकल गाड़ी बीच में ही फंस गई।

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फैक्ट्रियों से बुलाई गईं फायर ब्रिगेड की अतिरिक्त गाड़ियां

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और एसडीएम के हस्तक्षेप पर पास की फैक्ट्रियों—विशेष रूप से पेपर मिलों और अन्य औद्योगिक इकाइयों—से फायर ब्रिगेड की अतिरिक्त गाड़ियां मंगवाई गईं। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी रामकुमार सिंह ने बताया कि कुल आठ दमकल गाड़ियां मौके पर लगी रहीं और लगातार प्रयासों से पांच घंटे बाद आग पर नियंत्रण पाया गया।

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प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

घटना ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में फायर सेफ्टी के प्रबंधों की पोल खोल दी है। प्रत्यक्षदर्शी डॉ. शिफा तनवीर ने बताया कि इतनी भीषण आग उन्होंने पहली बार देखी, और क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। आसिफ रजा ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि दमकल समय पर पहुंच जाती तो लाखों का नुकसान रोका जा सकता था।

प्रशासन कर रहा है नुकसान का आकलन

प्रशासनिक अधिकारी अब नुकसान के आकलन और जांच में जुटे हैं कि आग की शुरुआत कहां और कैसे हुई। इस घटना ने फायर सेफ्टी नियमों की फिर से समीक्षा की आवश्यकता को उजागर कर दिया है।