रानीखेत के कंडारखुआ पट्टी के सड़का गांव में हिंसक गुलदार का आतंक से दहशत में ग्रामीण, पिंजरा लगाने की करी मांग।
रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक
रानीखेत: कंडारखुआ पट्टी के सड़का गांव में जीवन सिंह नेगी को अपना शिकार बनाने वाले हिंसक गुलदार को कैद करने के लिए वन्यजीव प्रतिपालक से सिफारिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक वन विभाग की पहली प्राथमिकता उसे सुरक्षित कैद करने या ट्रेंकुलाइज करना रहेगी। साथ ही वहीं गुलदार की क्षेत्र में हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं।
इधर मानव वन्यजीव टकराव की पुनरावृत्ति से बचने के लिए आठ सदस्यीय विभागीय टीम ने अपनी गश्त को बढ़ा दिया है। वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम की अगुआई में गांव और उससे लगे क्षेत्र में डेरा जमा कर दिनभर कांबिंग की गई। ग्राम पंचायत हरड़ा के सड़का गांव निवासी 32 वर्षीय जीवन सिंह नेगी दीपावली के दिन ही कैंची (नैनीताल) से अपने घर की ओर जा रहा था, मगर वह अपने घर नहीं पहुंचा। चिंतित परिजन और ग्रामीण मिलकर उसकी तलाश में जुटे रहे।
करीब छह दिन बीत जाने के बाद 18 नवंबर की देर शाम करीब काकड़ीघाट शीतलाखेत पैदल मार्ग से लगभग 500 मीटर दूर कूरी घास के जंगल में एक नर कंकाल बरामद हुआ। वहा बिखरे पड़े खून और चप्पल के साथ ही घसीटे जाने के निशान भी मौके पर पाए गए। कमीज और मोबाइल के आधार पर ही परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। रविवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने हिंसक वन्यजीव गुलदार होने की प्रबल संभावना को जता कर इस बात की पुष्टी कर बताया कि जीवन सिंह को गुलदार ने ही मारा है। साथ ही इधर वन क्षेत्राधिकारी मोहन राम ने बताया कि हिंसक गुलदार को कैद करने के लिए उच्च स्तर से सड़का गांव में पिंजरा लगाने के लिए अनुमति मांग ली गई है। उम्मीद ये भी लगाई जा रही है कि जल्द ही इसकी अनुमति मिलेगी। और साथ फिलहाल ट्रैप कैमरे अभी लगाए जा रहे जिसे गुलदार की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
ग्रामीणों ने मृतक के लिए मुआवजे पर दिया जोर
ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह नेगी, भाजपा मंडल अध्यक्ष भूपाल सिंह परिहार, धमेंद्र बेलवाल, राजेंद्र नेगी, बीडीसी सदस्य पुष्कर सिंह नेगी लोगो ने हिंसक गुलदार के आतंक से निजात दिलाने और जीवन सिंह के परिजनों को लिए मुआवजे पर जोर दिया है।