उत्तराखंड जरा हटके रामनगर

 21 के धरने को आर वाई ए,आइसा ने मशाल जुलूस निकाल दिया समर्थन।

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21 के धरने को आर वाई ए,आइसा ने मशाल जुलूस निकाल दिया समर्थन।

रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक

रामनगर- बाघ के आतंक से त्रस्त क्षेत्रीय जनता और जनसंगठनों द्वारा 21 दिसंबर को रामनगर वन परिसर में धरना प्रदर्शन किए जाने को इंकलाबी नौजवान सभा( आर वाई ए) और छात्र संगठन आइसा ने भी समर्थन दिया है। आइसा , RYA ने पटरानी गाँव में मशाल जुलुस निकालते हुए आंदोलन का समर्थन किया है। नौजवान सभा की ब्लाक संयोजक रेखा बाराकोटी ने कहा, बीते सप्ताह कॉर्बेट पार्क के ढेला गेट पर हुए धरना प्रदर्शन के बाद भी वन विभाग बाघ के आतंक के खिलाफ ग्रामीणों की मांगो को लेकर कोई निर्णय लेने में असमर्थ रहा है।

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विगत एक माह में बाघ द्वारा अनेकानेक गायों और दो महिलाओं को अपना शिकार बना दिया गया है परंतु वन विभाग के अधिकारी इन बाघों को पकड़ने में असफल रहे हैं।इधर कुछ दिनों से बाघों की जिस प्रकार पटरानी में बाघों की आवाजाही बढ़ गई है इससे सैंकड़ों स्थानीय लोगों की सामान्य दिनचर्या अस्तव्यस्त हो गई है।आइसा नेता नेहा आर्या ने कहा, जब तक जनता की मांगो को पूरा नही किया जाएगा, तब तक जनता का ये संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा, स्थानीय सरकार के जनप्रतिनिधियों की इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है।जंगली जानवरों से किसी भी व्यक्ति के मारे जाने पर 25 लाख रुपया और घायल को कम से कम 10 लाख रुपए की मदद दिए जाने की मांग करते है।

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आइसा के नगर अध्यक्ष सुमित कुमार ने कहा, कल होने वाले धरना प्रदर्शन को आइसा नगर कमेटी अपना पूर्ण समर्थन देती है और आइसा की पूरी टीम प्रदर्शन में शामिल रहेगी। उन्होंने कहा,उत्तरखंड में जंगली जानवरों के आतंक से जानता की जान जोखिम में आ चुकी है। सरकार ने हिंसक जंगली. जानवरो के इलाज के लिए तो रेस्क्यू सेंटर बनाया हुआ है लेकिन जंगली जानवरों से घायल व्यक्ति के इलाज के लिए कोई ठौर ठिकाना नही है। उत्तरखंड जंगली जानवरों का प्रदेश बन गया है, जहाँ पर इंसानों की जिंदगी की शर्त पर जंगली जानवरों सभी संरक्षण दिया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर वर्दाश्त नही किया जा सकता।

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इस दौरान,रेखा बाराकोटी,सुमित कुमार, नेहा आर्य, हेमा जोशी, नीरज सिंह, रिंकी,मनीषा, रवि शंकर, तुलसी देवी, अमन कुमार आदि मौजूद रहे।