
पर्यटकों की सुविधा सर्वोपरि — आईजी कुमायूँ ने दी नैनीताल यातायात व्यवस्था को स्मार्ट और संवेदनशील बनाने की दिशा में रूपरेखा
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
नैनीताल। आगामी क्रिसमस, नववर्ष और शीतकालीन अवकाश के दौरान बढ़ने वाली पर्यटक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिरीक्षक (कुमायूँ परिक्षेत्र) श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल (IPS) की अध्यक्षता में नैनीताल में एक महत्वपूर्ण यातायात समन्वय बैठक आयोजित की गई।
बैठक में एसएसपी नैनीताल मंजूनाथ टी.सी., यातायात व क्षेत्राधिकारीगण, टैक्सी यूनियन पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए।
आईजी अग्रवाल ने कहा कि “नैनीताल आने वाले हर पर्यटक का अनुभव हमारी कार्यकुशलता और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। इसलिए यातायात व्यवस्था में पारदर्शिता, योजना और समन्वय अत्यंत आवश्यक है।”
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ीकरण:
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों – मल्लीताल, तल्लीताल, मॉल रोड व हाईकोर्ट क्षेत्र में वैकल्पिक पार्किंग स्थलों की पहचान कर साइनेज, लाइटिंग व निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
टैक्सी संचालन में अनुशासन:
टैक्सी स्टैण्डों पर रोटेशन सिस्टम लागू होगा, जिससे भीड़ नियंत्रण व जाम की स्थिति रोकी जा सके।
वाहन सत्यापन अभियान:
अगले 15 दिनों में टैक्सी, मैक्सी व दोपहिया टैक्सियों का संयुक्त सत्यापन किया जाएगा।
हितधारक बैठकें:
नगरपालिका, घोड़ा स्वामी संघ व टैक्सी यूनियन से समन्वय बैठकों के माध्यम से “सुगम यातायात कार्ययोजना” तैयार की जाएगी।
एएनपीआर कैमरा प्रणाली:
नैनीताल में Automatic Number Plate Recognition प्रणाली शीघ्र लागू की जाएगी जिससे संदिग्ध वाहनों की पहचान और ट्रैफिक मॉनिटरिंग में सुविधा होगी।
सूचना व मार्गदर्शन व्यवस्था:
पर्यटक स्थलों पर दिशा-सूचक बोर्ड, QR कोड और पी.ए. सिस्टम के माध्यम से सूचना प्रसारण किया जाएगा।
कलर कोडिंग टैक्सी सिस्टम:
अलग-अलग रूटों की टैक्सियों को रंगों द्वारा कोड किया जाएगा ताकि यातायात नियंत्रण और प्रबंधन सुगमता से हो सके।
पड़ोसी जनपदों से समन्वय:
ऊधमसिंह नगर व अल्मोड़ा जनपदों के साथ बैठक कर ट्रैफिक रूट का संयुक्त नियोजन किया जाएगा।
आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि “नैनीताल की सुंदरता उसके अनुशासन और स्वच्छता में निहित है। हमारा लक्ष्य केवल नियंत्रण नहीं, बल्कि पर्यटकों की सुविधा और स्थानीय जनता की राहत सुनिश्चित करना है।”
उन्होंने बताया कि इस मॉडल के सकारात्मक परिणामों के आधार पर इसे कैंची धाम यातायात व्यवस्था में भी लागू किया जायेगा।





















