क्राइम हल्द्वानी

रिश्वत लेने में वीडीओ दोषी, कोर्ट ने वीडीओ को सुनाई पांच साल की सजा, इंदिरा आवास योजना लाभार्थी से मांगे थे रुपए।

Spread the love

रिश्वत लेने में वीडीओ दोषी, कोर्ट ने वीडीओ को सुनाई पांच साल की सजा, इंदिरा आवास योजना लाभार्थी से मांगे थे रुपए।

 

उधम सिंह राठौर –  संपादक

हल्द्वानी – विजिलेंस द्वारा भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ रिश्वत की कार्रवाई पर कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाते हुए उधम सिंह नगर के वीडीओ को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया है, इंदिरा आवास योजना की किस्त जारी करने के एवज में लाभार्थी से रिश्वत मांगना वीडीओ को भारी पड़ गया। कोर्ट ने वीडीओ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया और पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड भी लगाया है।

यह भी पढ़ें 👉  एसएसपी नैनीताल की त्वरित कार्रवाई, 7.9 लाख के जेवरात और सामान के साथ दो शातिर चोर गिरफ्तार

 

 

बताया जा रहा है कि उधम सिंह नगर के गोविंद मंडल निवासी राजनगर, शक्तिफार्म तहसील सितारगंज ने विजिलेंस कुमाऊं को 26 अगस्त 2015 को शिकायती पत्र देते हुए कहा था, कि प्रेमशंकर गंगवार निवासी ग्राम पनकड़िया थाना शेरगढ़, जिला बरेली उस समय सितारगंज उधम सिंह नगर में ग्राम विकास अधिकारी पद पर कार्यरत था। उसने इंदिरा आवास योजना की दूसरी किश्त देने के लिए पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी है। जिसके बाद कुमाऊं विजिलेंस टीम ने ट्रैपिंग के माध्यम से 27 अगस्त 2015 को वीडीओ प्रेमशंकर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।

यह भी पढ़ें 👉  अवैध तमंचे व जिंदा कारतूस के साथ एक अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

 

 

इस संबंध में उसी दिन सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर नैनीताल में आरोपी वीडीओ पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। सतर्कता विभाग की ओर से अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने मामले में पैरवी की। पैरवी और सबूत के आधार पर जिला एवं न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने बीती दो अगस्त को आरोपी को मामले में दोषी करार दिया। जज ने दोषी को धारा सात भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में तीन साल का कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया। अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

यह भी पढ़ें 👉  दर्दनाक हादसा: दिव्यांग किशोरी की आग में जलकर मौत

 

 

 

इसके अलावा धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) के अपराध में पांच साल की सजा और 25 हजार का जुर्माना लगाया। अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास होगा। उक्त अधिरोपित सजाएं साथ-साथ चलेंगी।