उत्तराखंड क्राइम रामनगर

आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने आदमखोर टाइगर को पकड़े या मारे जाने की मांग को लेकर एक बार पुनः रामनगर कालागढ़ कोटद्वार मोटर मार्ग बंद कर आवाजाही कर दी ठप।

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आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने आदमखोर टाइगर को पकड़े या मारे जाने की मांग को लेकर एक बार पुनः रामनगर कालागढ़ कोटद्वार मोटर मार्ग बंद कर आवाजाही कर दी ठप।

 

 रोशनी पांडे  – प्रधान संपादक

 

विगत 03 माह से आदमखोर टाइगर को पकड़े या मारे जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों ने एक बार पुनः रामनगर कालागढ़ कोटद्वार मोटर मार्ग बंद कर आवाजाही ठप कर दी। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि 14 दिसंबर को कार्बेट प्रशासन ने ढेला धरने में आकर घोषणा की थी कि आदमखोर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर हटाने की परमिशन ली जा चुकी है, दो-तीन दिन में ही आदमखोर को पकड़ लिया जाएगा परंतु आज डेढ़ महीने से भी अधिक समय बीत चुका है और आदमखोर टाइगर दुर्गा देवी को मार चुका है तथा कई अन्य लोगों पर हमला भी कर चुका है। यदि समय रहते टाइगर पकड़ लिया जाता तो दुर्गा देवी तथा अन्य लोगों को आदमखोर के हमले से बचाया जा सकता था।

 

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पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सांवल्दे, ढेला, बासीटीला सेमलखलिया, गौजानी, कानिया, आमडंडा, मालधन आदि क्षेत्रों के ग्रामीण व महिलाएं प्रातः 11 बजे से ही धरने पर बैठ गए। संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा मांग की गई कि कार्बेट प्रशासन का कोई सक्षम अधिकारी आकर जनता को बताए कि आदमखोर बाघ को मारे या पकड़े जाने को लेकर क्या कार्रवाई की गई है। दिन में 1:30 बजे तक पार्क प्रशासन का कोई भी अधिकारी ग्रामीणों के धरने पर नहीं पहुंचा तो इस पर महिलाओं ने रामनगर कोलागढ़ मोटर मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम के बाद ढेला रेंज की एसडीओ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया।

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संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि कार्बेट पार्क में टाइगर की संख्या 260 से अधिक है जबकि इसकी क्षमता मात्र 65 टाइगर झेलने की है। यही कारण है कि टाइगर व अन्य जंगली जानवर गांव-गांव, घर-घर में घुस रहे हैं। अतः यहां से क्षमता से अधिक टाइगरों को तत्काल हटाया जाना चाहिए। महेश जोशी ने कहा कि 3 दिन के भीतर आदमखोर टाइगर को नहीं हटाए जाने पर संघर्ष समिति पुनः आंदोलन के विवश होगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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कार्यक्रम में ललिता रावत, तारा बेलवाल, हीरा सिंह, आनन्द नेगी, संजय मेहता, रोहित रुहेला, प्रभात ध्यानी , अनीता गुसाई, उर्मिला देवी, गंगा गिरी, सुमित,मंगली देवी, ललित पांडे, गोपाल मेहरा, राशिद, जगदीश डोर्बी, भावना अधिकारी समेत हजारों लोगों ने भागीदारी की।

04-02-2024
ललित उप्रेती
संयोजक
संयुक्त संघर्ष समिति।