भ्रष्टाचार के साए में रामनगर: अवैध होमस्टे, डीजे और अतिक्रमण की बढ़ती समस्या रामनगर में नियमों की अनदेखी चरम पर: क्या सरकार सख्त कदम उठाएगी
रोशनी पांडे – प्रधान संपादक
विकासखंड रामनगर में प्रशासनिक लापरवाही और अधिकारियों की अनदेखी के चलते भ्रष्टाचार तेजी से पनप रहा है। सिंचाई नहरों पर अतिक्रमण, फलदार बगीचों की अवैध कटाई, साइलेंट जोन में डीजे बजाने और अवैध पार्किंग जैसे मामलों ने क्षेत्र में समस्याओं को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, जंगलों की भूमि पर अवैध अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। कई स्थानों पर होमस्टे की आड़ में होटल बनाए गए हैं, जहां बिना अनुमति के कमर्शियल जनरेटर, स्विमिंग पूल और बोरिंग जैसी सुविधाएं चालू हैं।
अवैध गतिविधियों पर अधिकारियों की चुप्पी
होमस्टे के नाम पर बड़े पैमाने पर होटल व्यवसाय फल-फूल रहा है, जहां नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कई होमस्टे में बिना अनुमति के कमर्शियल मीटर, जनरेटर, स्विमिंग पूल और बोरिंग की व्यवस्था की गई है। पार्टियों में अवैध रूप से शराब परोसने जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम टेढ़ा, सेमलखालिया, और बासीटीला जैसे क्षेत्रों में ऐसे होमस्टे देखे जा सकते हैं, जो होटल के मानकों पर संचालित हैं। इन गतिविधियों पर संबंधित अधिकारियों की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है, जिससे अवैध अतिक्रमण और नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा मिल रहा है।
मुख्यमंत्री धामी की भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की पहल को झटका
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, लेकिन क्षेत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सरकार द्वारा समय-समय पर कड़े निर्देश दिए जाने के बावजूद अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं। अब देखना यह होगा कि प्रदेश सरकार इन मामलों पर क्या कदम उठाती है और क्या दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई सख्त कार्रवाई होती है।