चंपावत उत्तराखंड जरा हटके

चम्पावत, उत्तराखंड: फूलों और सेब की खेती से किसानों का आर्थिक सुधार।

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चम्पावत, उत्तराखंड: फूलों और सेब की खेती से किसानों का आर्थिक सुधार।

रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक

फूलों की खेती व सेब की लालिमा से जनपद के किसानों के चेहरे में आ रही खुशियों और मजबूत हो रही है आर्थिकी।
माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आदर्श चंपावत की परिकल्पना की ओर जनपद चम्पावत दिन प्रतिदिन विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। औद्यानिकी के क्षेत्र में नित नए कार्य जिले में उद्यान विभाग की मदद से किए जा रहे हैं। जिले में फूलों की खेती से भी लोग अपना रोजगार आगे बढ़ा रहे हैं। फूलों का नाम आते ही खुशबू का अहसास होने लगता है, लेकिन जब इन्हीं फूलों की खेती से आमदनी होने लगे तो चेहरे पर खुशियों की मुस्कान बरबस आ जाती है। फूलों की खेती करके इसे साबित किया है जनपद के विभिन्न किसानों ने। इसके साथ ही सेब की बागवानी के लिए जनपद की आबोहवा एकदम अनुकूल है। सेब की लालिमा से किसानों के चेहरों में भी लालिमा छा रही है।

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उद्यान विभाग चंपावत द्वारा मा0 मुख्यमंत्री जी की आदर्श चम्पावत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिए जाने हेतु सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जिले के कास्तकारों को दिया जा रहा है। उद्यान विभाग द्वारा चम्पावत जिले में बागवानी मिशन योजना व एप्पल मिशन योजना के तहत अनेक कार्य कर कास्तकारों को सीधे स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसी के अंतर्गत जनपद के विकासखंड पाटी के ग्राम रायकोट महर में चार कृषकों राजीव कुमार, पुष्पा कुशवाहा, आशुतोष कुमार सिंह, कंचना जोशी द्वारा 1.60 हेक्टेयर(प्रति 0.40 हेक्टेयर) भूमि लीज पर लेकर पुष्प उत्पादन (लिलियम व कार्नेशन) एवं सेब सघन बागवानी का कार्य किया जा रहा है।

 

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जिसमें पन्द्रह सौ वर्ग मीटर पॉलीहाउस का निर्माण कार्य 80 प्रतिशत राज सहायता पर बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत कराया गया है। जिसमें वर्तमान में 30 हजार पौधे कार्नेशन पुष्प के रोपित किए गए हैं। इसके साथ ही किसानों द्वारा .40 हेक्टेयर क्षेत्रफल में एप्पल मिशन योजना अंतर्गत सेब सघन बागवानी का कार्य भी किया गया है।
इन कास्तकारों द्वारा बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य शेष भूमि पर 1.30 लाख लिलियम पुष्प बीजों (ओरिएंटल, एशियाटिक) का रोपण कार्य भी उनके द्वारा किया गया है। जिनकी कटाई कर गाजीपुर पुष्प मंडी दिल्ली को भेजा जा रहा है। फूलों की खेती में लागत कम और लाभ अधिक मिलता है।

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इस कार्य से स्थानीय लोगों की आजीविका सुदृढ़ होने के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है। सेब और फूलों की खेती से किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। साथ ही अच्छा मुनाफा मिलने से किसानों के चेहरे पर खुशियों की मुस्कान छा रही है।
जिला उद्यान अधिकारी चंपावत टीएन पांडेय ने बताया कि इसके अलावा किसानों को उद्यान विभाग द्वारा भी समय-समय पर तकनीकी जानकारी के साथ-साथ और औद्यानिक निवेश भी प्राप्त हो रहे हैं।