चंपावत उत्तराखंड जरा हटके

कृषि और औद्यानिक समन्वय: स्थानीय उत्पादों के विकास से किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास।

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कृषि और औद्यानिक समन्वय: स्थानीय उत्पादों के विकास से किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास।

रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक

जिले में हर संभव स्थानीय उत्पादों को बढ़ाए जाने हेतु कृषि औद्यानिक सहित संबंधित रेखीय विभाग इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाश करते हुए आपसी समन्वय से कार्य करें तभी किसानों की आय को हम दोगुना कर सकते हैं और एक आदर्श जिले की ओर बढ़ सकते हैं। किसानों के उत्पादों का बेहतर मूल्य मिले इस हेतु गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के साथ ही बाजार तराशना महत्वपूर्ण है। यह कार्य जिले में रीप परियोजना के अंतर्गत किया जाए। जिले के जिन क्षेत्रों में जिन भी उत्पादों की संभावना अधिक है उनका वहॉ पर उत्पादन को बढ़ाए जाने हेतु क्षेत्र के किसानों के साथ मिलकर कार्य किया जाए। इस हेतु कृषि व औद्यानिक विशेषज्ञ फील्ड में जाकर कार्य करें।

 

 

जिले के किसानों,कास्तकारों को उन्नत बीज उपलब्ध कराया जाए ताकि उत्पादन अधिक वह गुणवत्ता युक्त हो और उन्हें अधिकाधिक लाभ मिले। जिले में जड़ी-बूटी उत्पादन के साथ ही मसाले की खेती को बढ़ावा दिए जाने हेतु भेषज व उद्यान विभाग तथा जड़ी-बूटी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। यह निर्देश जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कृषि, औद्यानिक, ग्राम विकास विभाग व जल जीवन मिशन सहित अन्य विभागों की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि आदर्श जिले की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए हमें फील्डस्तर पर जाकर कार्य करना होगा।

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आम लोगों को स्वरोजगार से अधिकाधिक कैसे जोड़ा जाए उनकी आर्थिकि में कैसे बढ़ोतरी हो इस क्षेत्र में प्राथमिकता में कार्य करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि हम कृषि, औद्यानिक, पशुपालन, मत्स्य पालन, मौन पालन व जड़ी-बूटी उत्पादन के क्षेत्र के कार्यों को आगे बढ़ाएं तो निश्चित तौर पर यहां से हो रहे पलायन को रोक सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां के किसानों, काश्तकारों व उत्पादकों को उनकी मेहनत का अधिकतम लाभ मिले ऐसे प्रयास सभी विभाग मिलकर करें। उन्होंने कहा की आधुनिक तकनीकी को किसानों के बीच तक ले जाने हेतु कार्य किया जाए। ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में मनरेगा से ऐसे कार्य को प्रस्तावित किया जाए जिसमें लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में कुछ अभिनव प्रयास करते हुए अधिक से अधिक लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को विभिन्न विभागों की योजनाओं के साथ अभिसरण करते हुए बेहतर परियोजनाओं पर कार्य किया जाए ताकि आम नागरिकों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल यूनुस ने अवगत कराया कि कुल 655 राजस्व गांव के 47962 घरों में नल का संयोजन कर शुद्ध पेयजल पहुंचना है जिसका लक्ष्य आगामी 31 दिसंबर 2023 तक पूर्ण किया जाना है वर्तमान तक 40027 घरों में पेयजल संयोजन कर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से आच्छादित कर दिया गया है तथा शेष में कार्य चल रहा है। सभी योजनाओं की डीपीआर तैयार कर कार्य चल रहा है। उन्होंने अवगत कराया कि जिले में जल जीवन मिशन में दो कार्यदाई संस्था जल संस्थान तथा पेयजल निगम कार्य कर रही हैं। कुल 956 योजनाएं हैं जिनकी लागत कुल 273.45 करोड़ है वर्तमान तक 650 योजनाएं पूर्ण हो गई है। जिलाधिकारी ने दोनों विभागों जल संस्थान तथा पेयजल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवशेष कार्य जो वर्तमान में चल रहे हैं उनमें तेजी लाइ जाए तथा 31 दिसंबर तक हर घर नल से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करें। उन्होंने कहा कि जो योजनाएं पूर्ण हो गई हैं उनकी थर्ड एजेंसी से सत्यापन भी कराया जाए तथा उनकी रिपोर्ट व आपत्ति के अनुसार कार्य करें। साथ ही जो योजनाएं बन गई है उन्हें ग्राम सभा को हस्तांतरित करें।

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बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भण्डारी, जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम बी के पाल, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ डी के चंद, भूमि संरक्षण अधिकारी हिमांशु जोशी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल यूनुस, सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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जिला सूचना अधिकारी, चम्पावत।