
आंदोलनकारियों ने सरकार से की मांग — दी जाए स्वतंत्रता सेनानियों जैसी सुविधाएं
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
रामनगर। राज्य निर्माण आंदोलनकारी/सेनानी मंच ने “पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी, पहाड़ की परेशानी” जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी सुशील कुमार के माध्यम से भेजा।
मंच के संयोजक चंद्रशेखर जोशी की अगुवाई में दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि 42 से अधिक आंदोलनकारियों की शहादत, खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर जैसी घटनाओं के संघर्ष और हजारों आंदोलनकारियों के उत्पीड़न के बाद 9 नवंबर 2000 को पृथक उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। अब राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है, लेकिन आंदोलन की मूल भावना से जुड़े मुद्दे आज भी अधूरे हैं।
आंदोलनकारियों ने कहा कि राज्य गठन के बाद उम्मीद थी कि सरकारें पहाड़ का पानी, जवानी और परेशानियों का समाधान करेंगी, परंतु 25 वर्षों बाद भी यह उद्देश्य अधूरा है। राज्य आंदोलनकारी आज भी उपेक्षा और असमानता का सामना कर रहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि राज्य आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसी सुविधाएं दी जाएं, आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10% शैक्षिक आरक्षण का लाभ सुनिश्चित किया जाए तथा चिह्निनीकरण से वंचित आंदोलनकारियों को पुनः आवेदन का अवसर दिया जाए। साथ ही लंबित आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन देने वालों में चंद्रशेखर जोशी, प्रभात ध्यानी, पुष्कर दुर्गापाल, इंद्र सिंह मनराल, शेर सिंह लटवाल, योगेश सती और आसिफ सहित कई आंदोलनकारी शामिल रहे।





















