उत्तराखंड जरा हटके रामनगर

“रामनगर में ‘लोक में राम’ पर चर्चा: सरोकार साहित्यिक संस्था और पी.एन.जी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का साझा पहल।

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“रामनगर में ‘लोक में राम’ पर चर्चा: सरोकार साहित्यिक संस्था और पी.एन.जी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का साझा पहल।

रोशनी पांडे  – प्रधान संपादक

रामनगर।सरोकार साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था रामनगर एवं पी.एन.जी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर के संयुक्त तत्वावधान में”लोक में राम”विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विनोद प्रसाद सिमल्टी,संयुक्त सचिव,उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर तथा अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एम.सी.पाण्डे ने की।विचार गोष्ठी में इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ.शरद भट्ट ने बीज वक्तव्य देते हुए कहा की राम भारतीय चिंतन धारा के आदर्श पुरुष है।500 वर्षो के सुदीर्घ काल के उपरांत अवधपुरी में राम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा वास्तव में सनातन भारतीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा है जो कलिकाल में रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में प्रस्थान बिंदु बनेगा।

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डॉ.शंकर मण्डल ने कहा की राम का आदर्श चरित्र अपने आचरण में उतारने का हमें प्रयास करना चाहिए तभी राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का वास्तविक मन्तव्य सिद्ध होगा।संस्कृत विभाग प्रभारी डॉ.मूलचंद शुक्ल ने राम के लोकरंजक और लोक मंगल रूप की शास्त्रीय व्याख्या प्रस्तुत की। राज्यकर अधिकारी और प्रतिष्ठित कहानीकार मितेश्वर आनन्द ने लोक शब्द की अवधारणा और लोक में राम की महत्ता पर अपने विचार रखे।मुख्य वक्ता श्री विनोद प्रसाद सिमल्टी ने राम के जीवन से जुड़े के विविध प्रसंगों के माध्यम से जन जन में नैतिकता व सामाजिक मर्यादा कैसे स्थापित हो सकती है,इस पर बहुत ही सुंदर व्यख्यान प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दियासरोकार संस्था के सचिव डॉ.अनुपम शुक्ल ने अपने वक्तव्य में कहा कि 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त में होने जा रही रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से सनातन के मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा होने जा रही है।

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यह भारत के वसुधैव कुटुम्बकम् के भाव की स्थापना के साथ ही विश्व कल्याण हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्राचार्य प्रोफेसर एम.सी.पाण्डे ने तुलसीदास विरचित रामचरित मानस और दोहावली को आधार बनाते हुए रामराज्य की विविध संकल्पनाओं को अत्यंत मधुर शैली में प्रस्तुत कर कार्यक्रम का अत्यंत भावपूर्ण समापन किया।डॉ.सुमन कुमार,डॉ. शिप्रा पंत और डॉ.अलका ने अपने मधुर स्वर में भजन प्रस्तुत कर विचार गोष्ठी के माहौल राम मय बना दिया।विचार गोष्ठी का संचालन महाविद्यालय समारोहक डॉ.डी.एन.जोशी ने अपने विशिष्ट शैली में कर गोष्ठी को नियत समय सीमा में सम्पन्न किया।इस विचार गोष्ठी में प्रोफेसर एस.एस. मौर्य, डॉ.आर.एस.कनौजिया,डॉ.प्रमोद जोशी,डॉ.भावना पन्त, डॉ.निवेदिता अवस्थी,डॉ.कृष्णा भारती,मनोज पाठक और शिवाकांत शुक्ल आदि उपस्थित रहे।

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