जरा हटके रामनगर

G 20 Summit के कई विशिष्ट एवं अति विशिष्ट महानुभावों का एक दल कार्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन में प्रातः भ्रमण हेतु आये विदेशी डेलीगेटस का तिलक कर आदर सत्कार किया गया।

Spread the love

उधम सिंह राठौर –  प्रधान संपादक

आज दिनांक 30 मार्च 2023 को G 20 Summit के अर्न्तगत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के क्रम में प्रातः 05.00 बजे ढिकुली स्थित ताज रिजोर्ट से कई विशिष्ट एवं अति विशिष्ट महानुभावों का एक दल कार्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन में प्रातः पाली में भ्रमण हेतु आमडण्डा गेट पर उपस्थित हुआ। आमडण्डा गेट पर प्रातः पाली में भ्रमण हेतु आये विदेशी डेलीगेटस का स्थानीय महिलाओं द्वारा पारम्परिक वेश-भूषा में तिलक कर आदर सत्कार किया गया। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड तथा निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा भी उक्त विदेशी डेलीगेटस का स्वागत कर उनकी जिप्सी को प्रातः भ्रमण हेतु हेतु रवाना किया गया। उक्त विदेशी डेलीगेटस के भ्रमण के दौरान जिप्सी में कुशल चालक एवं गाईड एवं कार्बेट टाइगर रिजर्व के वर आरक्षियों की डयूटी भी निर्धारित की गई थी।

 

 

 

भ्रमण के दौरान महानुभावों को कार्बेट टाइगर रिजर्व के नेचरगाईडों द्वारा भ्रमण के दौरान उनको यह अवगत कराया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में स्तनपायी की 55 प्रजातियां, पक्षी की 580 प्रजातियां, सरीसृप एवं जलीय प्राणियों में मगर, घडियाल, किंग कोबरा, पायथन आदि की 33 प्रजातियां पायी जाती हैं। स्तनपायी वर्ग में बाघ, गुलदार, हाथी, सांभर, चीतल, काकड, पाडा, जंगली सुअर, नीलगाय, भालू प्रमुख हैं। मतस्य वर्ग में 7 प्रजातियां पायी जाती है जिसमें महाशीर मछली का पाया जाना पार्क की विशिष्टता है। पक्षियों में प्रवासीय एवं अप्रवासीय पक्षी पार्क आर्कषण बढ़ाते है। जिनकी कुल 685 प्रजातियां पायी जाती है तथा कार्बेट टाइगर रिजर्व की प्रमुख विशेषता रामगंगा नदी व उसकी सहायक नदियों के किनारे पाये जाने वाले घास के बड़े-बड़े मैदान है।

यह भी पढ़ें 👉  "भारत-नेपाल एनवायरमेंटल लीडरशिप अवार्ड" से सम्मानित प्राचार्य प्रो. एम.सी. पाण्डे का भव्य स्वागत।

 

 

 

डॉ० धीरज पाण्डे, फील्ड डाईरेक्टर, कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा अलग-अलग स्थानों से कई विशिष्ठ एवं अतिविशिष्ठ महानुभावों को यह अवगत कराया गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व का उद्देश्य यह है कि एशिया महाद्वीप की दो महत्वपूर्ण लुप्तप्रायः ध्वज प्रजातियों बाघ व हाथी का संरक्षण कर इसके माध्यम से समस्त इकोसिस्टम का संरक्षण करना। उक्त उद्देश्य की प्राप्ति हेतु वन्यजीव पर्यटन के माध्यम से जन सामान्य में वन्य जीवों के प्रति जागरूकता जागृत कर उनका संरक्षण में सहयोग प्राप्त करना एवं पार्क प्रशासन इस बात को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील रहता है कि स्थानीय लोगों को पार्क में रोजगार उपलब्ध कराया जाय।

 

 

 

अतः स्थानीय ग्रामीणों में से नेचर गाइड एवं कक्ष स्वागती का प्रशिक्षण प्रदान कर स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाता है। दैनिक श्रमिक के रूप मे भी स्थानीय लोगों को कई कार्य पर लगाया जाता है जिससे उन्हें रोजगार सुलभ हो सके। ज्यादातर वाहन जो पार्क के अन्दर सेलानियों को घुमाने हेतु पार्क प्रशासन द्वारा पंजीकृत है को सभी वाहन स्थानीय लोगों के ही है। जिससे उन्हें अच्छी आय होती है तथा ईको विकास समिति द्वारा ग्रामों के लोगो को वॉलेण्टरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराये जा रहे है।

यह भी पढ़ें 👉  जल जीवन मिशन: कुमाऊं में 967 पेयजल योजनाएं अधूरी, कड़ी निगरानी और तेजी से कार्य पूरा करने के निर्देश।

 

 

 

इसके अतिरिक्त उप निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों में क्रमशः वन्यजीव उपचार एवं पुर्नवास, मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण तथा स्थानीय जनसमुदाय का कार्बेट टाइगर रिजर्व के अर्न्तगत वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण में योगदान के बारे में अवगत कराया गया। इसके पश्चात सूक्ष्म जलपान के दौरान कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा विदेशी डेलीगेटस को कार्बेट टाइगर रिजर्व और विभाग द्वारा शुरू की गई संरक्षण गतिविधियों पर तीन-चार लघु फिल्म भी दिखाई गई तथा बिजरानी वन परिसर में एक निर्भीक बाघ नामक द्वारा एक प्रदर्शनी भी दिखाई गई। इसके पश्चात अन्त में विदेशी डेलीगेटस को कार्बेट टाइगर रिजर्व के विभागीय पालतू हाथियों से रूबरू कराया गया। इस दौरान विदेशी डेलीगेटस काफी प्रसन्न दिखाई दिये।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर के जंगलों से जल्द हटेगा अवैध कब्जा, वन विभाग का बुलडोजर तैयार।

 

 

 

कार्बेट टाइगर रिजर्व के भ्रमण उपरान्त अलग-अलग स्थानों से कई विशिष्ट एवं अतिविशिष्ट महानुभावों द्वारा वन्यजीवों के दीदार से वह अति रोमांचक हो उठे तथा उनके द्वारा पार्क के प्रबन्धन, अधिकारियों व कर्मचारियों तथा जिप्सी वाहन चालकों एवं नेचर गाईडों की काफी सराहना की गयी। भ्रमण के दौरान विदेशी डेलीगेट को मचान चौड़ में बाघ एवं चीतल रोड पर हाथी के प्रत्यक्ष दर्शन हुये । उक्त प्रातः पाली में विदेशी डेलीगेट में 34 विदेशी अतिथि तथा 23 स्वदेशी अतिथियों द्वारा भ्रमण किया गया। इस दौरान विदेशी डेलीगेटस के उक्त भ्रमण कार्यक्रमण के दौरान विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक (होफ ) उत्तराखण्ड, समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, डॉ० धीरज पाण्डेय, निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, दीपक रावत, आयुक्त, कुमाऊँ, उत्तराखण्ड, नीलेश आनन्द भरणे, आई0जी0, कुमाऊँ, दिगंथ नायक, उप निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, अमित कुमार ग्वासीकोटी, पार्कवार्डन / उप प्रभागीय वनाधिकारी, बिजरानी, कार्बेट टाइगर रिजर्व, श्रीमती शालिनी जोशी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़, कार्बेट टाइगर रिजर्व, बिन्दरपाल, वन क्षेत्राधिकारी, बिजरानी, संजय कुमार पाण्डे तथा ललित मोहन आर्या, वन क्षेत्राधिकारी आदि उपस्थित रहें।