उत्तराखंड जरा हटके हल्द्वानी

शिक्षा से जागरूकता, जागरूकता से मतदान: एमबीपीजी कॉलेज में विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष कार्यक्रम।

Spread the love

शिक्षा से जागरूकता, जागरूकता से मतदान: एमबीपीजी कॉलेज में विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष कार्यक्रम।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

हल्द्वानी, विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी के लाल बहादुर शास्त्री सभागार में “शिक्षा से जागरूकता, जागरूकता से मतदान” विषय पर आधारित एक भव्य स्वीप (SVEEP) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल पुस्तकों के महत्व को रेखांकित करने वाला था, बल्कि इसमें मतदाता जागरूकता का संदेश भी प्रभावी रूप से दिया गया।

यह भी पढ़ें 👉  राज्य में नारी सशक्तिकरण पर जोर, मुख्यमंत्री धामी ने बेटियों के उज्जवल भविष्य पर दिया संदेश

मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी विवेक रॉय ने अपने उद्बोधन में कहा कि “पुस्तकें जीवन भर की मार्गदर्शक होती हैं। ये न केवल ज्ञान देती हैं बल्कि एक जागरूक, उत्तरदायी नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करती हैं।” उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में पुस्तकों के प्रति घटती रुचि को ऐसे आयोजनों के माध्यम से पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।

श्री रॉय ने यह भी कहा कि मतदान केवल अधिकार नहीं, जिम्मेदारी भी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं सहित सभी नागरिकों से लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए मतदान अवश्य करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की अपील की।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी पुलिस की तत्परता – 24 घंटे में चोरी का मामला सुलझाया, मोबाइल बरामद

कार्यक्रम में स्थानीय लेखकों व प्रकाशकों को सम्मानित किया गया। डॉ. पुष्पलता जोशी, प्रो. प्रभा पंत, सतीश पंत, दामोदर जोशी, डॉ. गजेन्द्र बड़ौनी, प्रदीप उपाध्याय एवं डॉ. एन.एस. बनकोटी ने अपने व्याख्यानों में पुस्तक संस्कृति एवं लोकतंत्र के गहरे संबंधों को रेखांकित किया।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर में दिव्यांगता जांच शिविर आयोजित, चयनित बच्चों को व्हीलचेयर और सहायक उपकरण प्रदान किए जाएंगे

कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। इसके अतिरिक्त “भारत के लोकतंत्र” विषय पर निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

इस अवसर पर एनएसएस, एनसीसी, जीजीआईसी और एमबीपीजी कॉलेज के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देना और पुस्तकों के महत्व को समाज में पुनर्स्थापित करना था।