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“जिला गंगा समिति बैठक: धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त सामग्री का नदियों में प्रवाह नहीं, कूड़ादान की समुचित व्यवस्था का निर्देश

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“जिला गंगा समिति बैठक: धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त सामग्री का नदियों में प्रवाह नहीं, कूड़ादान की समुचित व्यवस्था का निर्देश

 रोशनी पांडे  – प्रधान संपादक

जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला गंगा समिति वंदना सिंह द्वारा कैम्प कार्यालय हल्द्वानी में जिला गंगा समिति की बैठक ली गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने नदी किनारे अवस्थित मंदिर समितियों को निर्देशित किया है कि धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त सामग्री को किसी भीं हाल में नदियों प्रवाहित न किया जाए। इसके साथ ही कूड़ा के निस्तारण हेतु कूड़ादान की समुचित व्यवस्था की जाए। जनपद की डंपिंग साइट के निस्तारण हेतु नगर निगम क्षेत्रों में नगर आयुक्त को और ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना निदेशक और जिला पंचायत को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

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बैठक में जिलाधिकारी ने ईको टूरिज्म क्षेत्र के संवर्धन और आजीविका सृजन के लिए बेहतर कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने की बात कही। नगर निगम की बैणी सेना की भांति अन्य स्थानीय निकायों में भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ने के निर्देश दिए। शून्य बजट प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग को जिले के एक गांव को चयनित कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इसके लिए जनपद के ऐसे गांव का चयन किया जाए जहा प्रगतिशील कृषकों को बहुलता हो और उस गांव को मॉडल का रूप में विकसित किया जाए।

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पिछली बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद की कोसी, शिप्रा व गौला नदियों में सीधे गंदे नाले प्रवाहित न हो सके इसके संरक्षण व संवर्धन हेतु ड्रोन मैपिंग कराने के निर्देश पेयजल निगम को दिए थे। पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता ए के कटारिया ने बताया की रानीबाग से लालकुआं तक ड्रोन सर्वे का कार्य किया गया जिसमें 04 नाले सीधा गौला नदी में प्रवाहित होते है। शिप्रा नदी में ड्रोन मैपिंग का कार्य गतिमान है । ड्रोन मैपिंग से सीधे नदियों में सीधा मिलने वाले गन्दे नालों, गधेरों को चिन्हित कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित किए जायेंगे। जिससे नालों व गधेरों को ट्रीटमेंट के पश्चात नदियों में प्रवाहित किया जाए व नदियां जीवंत रहे।

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इस अवसर पर सीडीओ अशोक पांडे, प्रभागीय वनाधिकारी संदीप कुमार, एडीएम पी आर चौहान, परियोजना निदेशक अजय सिंह, सीएमओ डा भागीरथी जोशी, अधिशासी अभिन्यता सिंचाई वी सी नैनवाल, व अन्य मौजूद थे।