रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक
उत्तराखंड: राज्य में फर्जी डिग्रियां बेच दो 10वीं पास भाइयों ने मुजफ्फरनगर में अपना करोड़ो का साम्राज्य खड़ा कर लिया बता दें की फर्जी डॉक्टर बनाने वाले दोनों जालसाज भाई सिर्फ 10वीं पास हैं। बता दें की दोनो भाई कॉलेज चलाते हैं, वह भी 108 बीघा में फैला हुआ है। इसके अलावा बता दें की दोनों के और भी अवैध धंधे हैं, जिनके कारण ये उत्तर प्रदेश पुलिस के रडार पर रहते हैं। इनके बारे में यूपी पुलिस को भी जानकारी दे दी गई हैआपको बता दें की उत्तराखंड राज्य के एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि इमरान नाम के आरोपी के खिलाफ सबसे पहला मुकदमा वर्ष 2008 में दर्ज किया गया था। यह मुकदमा भी इसी तरह से फर्जी डिग्री बेचने के संबंध में था।
बता दें की उन्होंने कहा की पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह इस काम को अपने भाई के साथ मिलकर लंबे समय से कर रहा है। उसे एक बार लखनऊ पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था। आरोप था कि उसने कई लोगों को फर्जी डिग्रियां बेची हैं। लेकिन, हर बार की तरह वह इस मुकदमे से भी निकल आया। दोनो फर्जी डिग्री बेचने वाले भाईयो में से एक इमरान मुजफ्फरनगर जिले का हिस्ट्रीशीटर भी है। बता दें की इमरान के खिलाफ 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
आपको बता दें की आरोपी ने न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि अन्य कई राज्यों में भी फर्जी डॉक्टर बनाए हैं। आपको इसके साथ ही बता दें की एसएसपी ने बताया कि इनकी संपत्तियों का आकलन किया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर में भी कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में नियमानुसार इनकी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। आपको बता दें की एसटीएफ की टीम ने प्रेमनगर और रायपुर में मरीज बनकर क्लीनिक पर छापा मारा था।
बता दें की एसटीएफ के एक सदस्य ने फर्जी डॉक्टर से कहा कि उनके पेट में दर्द है। उसने कुछ दवाएं लिखीं और 150 रुपये फीस ले ली। इसके बाद जब उन्हें पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाया गया तो डॉक्टर यह फीस वापस करने लगा। लेकिन, अब इन डॉक्टरों को जेल की हवा खाने सुद्धोवाला जाना पड़ा।