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दस्तावेज बनाकर एनआरआई की जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला, पुलिस ने शुरू की जांच

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दस्तावेज बनाकर एनआरआई की जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला, पुलिस ने शुरू की जांच।

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

चन्द्रपुर तिवाड़ी, पीरूमदारा। विदेश में रह रहे एनआरआई बलबीर सिंह की करोड़ों की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में एक भाजपा नेता सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़ित जसपाल सिंह ने पुलिस को तहरीर दी कि उनके पास बलबीर सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से सटी भूमि का पॉवर ऑफ अटॉर्नी है। बलबीर सिंह की अनुपस्थिति का लाभ उठाकर गांव के ही राजेश पाल, चन्द्रशेखर उर्फ चन्दन और नकली बलबीर ने मिलकर जमीन हड़पने की साजिश रची।

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आरोप है कि गिरोह ने 2008 में बने बलबीर सिंह के जाति और स्थायी निवास प्रमाण पत्र को 2023 में ऑनलाइन बदलवाकर नकली दस्तावेज तैयार किए। इसके आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी समेत सभी सरकारी दस्तावेजों में नाम बदलवा दिया गया। इसके बाद नकली बलबीर के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री अन्य लोगों के नाम कर दी गई।

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फर्जीवाड़े से कराई गई ज्यादातर रजिस्ट्रियों में चन्दन और राजेश पाल खुद गवाह बने। नकली बलबीर ने कुछ जमीन सीधे चन्दन और उसकी पत्नी ममता के नाम कराई, जबकि चन्दन ने अपने नाम हुई जमीन का एक हिस्सा राजेश पाल की पत्नी उर्वशी कनौजिया के नाम कर दिया।

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि गिरोह ने केवल बलबीर सिंह की जमीन ही नहीं, बल्कि उनके भाइयों की हिस्सेदारी वाली भूमि को भी अवैध तरीके से हड़प लिया। पुलिस ने भाजपा नेता राजेश पाल, चन्दन और नकली बलबीर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (3), 338 और 340 (2) में मुकदमा दर्ज किया है। जांच पीरूमदारा चौकी प्रभारी सुनील धानिक को सौंपी गई है।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि मामला गंभीर है क्योंकि इसमें न केवल करोड़ों की जमीन हड़पी गई, बल्कि सरकारी सिस्टम का भी दुरुपयोग हुआ है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में और क्या खुलासे होते हैं और इस जमीन घोटाले में और कौन-कौन शामिल निकलता है।