उत्तराखंड क्राइम रामनगर

नालियों की सफाई नहीं, सड़कों पर गंदा पानी — रामनगर में जनता भुगत रही है सिस्टम की सजा।

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नालियों की सफाई नहीं, सड़कों पर गंदा पानी — रामनगर में जनता भुगत रही है सिस्टम की सजा।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

 

 

रामनगर, 21 जून 2025
जहां एक ओर उत्तराखंड में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है, वहीं रामनगर का प्रशासन अभी भी कुंभकरण की नींद सोए हुए नजर आ रहा है। नगर क्षेत्र की नालियां, नहरें और जलनिकासी मार्ग गंदगी और कूड़े से अटे पड़े हैं, जिससे हल्की बारिश के साथ ही सड़कों पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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बारिश शुरू होते ही कई जगहों पर नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। जिससे न केवल यातायात बाधित होता है बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि नगर पालिका और प्रशासन हर साल मानसून से पहले सफाई का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है।

 

 

 

स्थानीय निवासी प्रशासन की इस लापरवाही पर आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यालयों में बैठकर सिर्फ 10 से 5 की ड्यूटी बजा रहे हैं, जबकि जनता गंदगी, बदबू में रहने को मजबूर है।

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🧹 स्वच्छ भारत अभियान का हो रहा मज़ाक

जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा देशभर में स्वच्छ भारत मिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं रामनगर नगर पालिका की निष्क्रियता इस अभियान को मज़ाक बना रही है। नालियों की सफाई न होने के कारण स्वच्छता का हाल बेहाल है।

 

 

 

🚨 प्रशासन क्या किसी हादसे का इंतजार कर रहा है?

 

नगरवासियों का कहना है कि जब सड़कों पर गंदा पानी बहेगा तो दुर्घटनाओं का कारण बनेगा, तभी शायद प्रशासन की नींद खुलेगी। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर मानसून पूर्व साफ-सफाई जैसे जरूरी कार्यों में प्रशासन की ऐसी लापरवाही क्यों?

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जनता की अपील: प्रशासन सो रहा है, अब जनता को जागना होगा

स्थिति को देखते हुए अब जनता को जागरूक होकर आवाज़ उठानी होगी, क्योंकि अगर समय रहते नालियों की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था नहीं हुई, तो रामनगर जलभराव, दुर्घटनाओं और बीमारियों की चपेट में आ सकता है।