कानपुर उत्तर प्रदेश क्राइम

गर्भवती विवाहिता की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा, तीनों दोषियों पर अर्थदंड भी लगा

Spread the love

गर्भवती विवाहिता की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा, तीनों दोषियों पर अर्थदंड भी लगा

रोशनी पांडे  – प्रधान संपादक

कानपुर देहात। घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के गोपालपुर में करीब नौ साल पहले गर्भवती विवाहिता की हत्या मामले की अपर जिला जज चतुर्थ की अदालत में सुनवाई चल रही थी। मंगलवार को मामले में अदालत ने आरोपी पति,सास व ससुर को दोषसिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीनों दोषियों पर 35-35 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के गोपालपुर निवासी राजू मिश्रा की शादी 19 फरवरी 2009 को विधनू थाना क्षेत्र के हड़हा कठेरूआ गांव की रुचि के साथ हुई थी। 31 अक्टूबर 2016 को रुचि की गर्भावस्था दौरान संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। मामले में रूचि के पिता चंद्रकांत ने अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर पुत्री का उत्पीड़न किए जाने तथा उसकी व उसके आठ माह के गर्भस्थ शिशु की हत्या का आरोप लगा दामाद राजू मिश्रा उसके पिता गिरजा मिश्रा व मां छोटी बिट्टी तथा परिवार के चंद्रिका मिश्रा, पुत्तन मिश्रा के खिलाफ घाटमपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

यह भी पढ़ें 👉  बाजपुर में अवैध रेता अभिवहन का खुलासा: बिना रॉयल्टी के 16-टायरा वाहन पकड़ा, चालक फरार

 

 

मामले में पुलिस ने विवेचना करते हुए पति राजू मिश्रा,ससुर गिरजा मिश्रा व सास छोटी बिट्टी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे। वहीं आरोपी पुत्तन और चंद्रिका मिश्रा के खिलाफ कोई साक्ष्य न मिलने पर उनका नाम हटा दिया था।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में यातायात नियमों के उल्लंघन पर संयुक्त चैंकिंग अभियान*

 

 

मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि यादव की अदालत में चल रही थी। मंगलवार को अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद महिला व गर्भस्थ शिशु की हत्या में तीनों आरोपियों को दोष सिद्ध करते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 35-35 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

यह भी पढ़ें 👉  ड्रग फ्री देवभूमि 2025" के तहत पुलिस की कार्रवाई: अवैध शराब और नशे के कारोबार पर शिकंजा