अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर सीएम धामी ने किया सेवा और संस्कृति का स्मरण।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
देहरादून, 1 जून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे त्याग, सेवा और धर्मनिष्ठा की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने शासन को सत्ता का नहीं, बल्कि जनसेवा, न्याय और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का माध्यम बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, द्वारका, रामेश्वरम्, अयोध्या, मथुरा और उत्तराखंड के केदारनाथ, बद्रीनाथ और हरिद्वार में मंदिरों और घाटों के जीर्णोद्धार में विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल धर्मशालाएं बनवाईं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है, जहां हमारे गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को पुनः स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं— जिनमें 33 प्रतिशत आरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी योजना प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी केदारखंड-मानसखंड के मंदिरों का सौंदर्यीकरण, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर, शारदा कॉरिडोर, और यमुनातीर्थ स्थल हरिपुर कालसी जैसे स्थलों के पुनरुद्धार हेतु कार्य कर रही है। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण देने के साथ-साथ मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना और आंचल अमृत योजना जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू समान नागरिक संहिता, सख्त भू-कानून और नकल विरोधी कानून का उल्लेख करते हुए बताया कि इन प्रयासों के चलते 23,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है।
कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज सहित कई जनप्रतिनिधि एवं पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे।