रामनगर में अधिवक्ताओं की महत्त्वपूर्ण बैठक, अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ कड़ा विरोध।
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
रामनगर। अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में रामनगर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को विधि व्यवसाय की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताते हुए इसके विरोध में एकमत से प्रस्ताव पारित किया।
बैठक में उपस्थित अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 को तत्काल वापस लिया जाए और बार काउंसिलों की स्वायत्तता बनाए रखी जाए। अधिवक्ताओं ने विधेयक को लोकतांत्रिक मूल्यों और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।
बैठक में अधिवक्ता बालम सिंह बिष्ट, ललित मोहन जोशी, ललित मोहन आर्य, प्रदीप अग्रवाल, सुखदेव सिंह, रतन सिंह चौहान, पी.एस. बोहरा, सुरेश चंद्र नैनवाल, विनोद अनजान, जगतपाल सिंह रावत, गिरधर सिंह बिष्ट, श्रीमती दीनू नेगी, सुब्हाना तबस्सुम, श्रीमती शशि बलोदी, बृजेश शुक्ला, दीवानगिरी, धर्मेंद्र अग्रवाल, निसारूद्दीन, अतुल अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे।
इस दौरान अधिवक्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।