मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून आवास पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने की मुलाकात।
रोशनी पांडे प्रधान संपादक
*किच्छा पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मलिन बस्तियों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा*
देहरादून/रुद्रपुर:- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून आवास पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मुलाकात कर नगला नगर पालिका क्षेत्र के मलिन बस्तियों को नियमितीकरण करने के संबंध में विस्तृत वार्ता की साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की तरह ही शहरी क्षेत्र में भी आबादी पर बसे लोगों को स्वामित्व दिए जाने का मांग पत्र सौपा।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बताया कि पंतनगर के संजय कॉलोनी, मस्जिद कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, नगला आदि मालिन बस्तियों में सन 1962 से काबिज हैं तथा मलिन बस्ती के रूप में काबिज रहते धीरे-धीरे लगभग 60 वर्षों में कुछ कच्चे व कुछ पक्के मकान बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं गत वर्षो में उत्तराखंड सरकार द्वारा मलिन बस्तियों की पुरानी आबादियों का नियमितीकरण करके उन्हें मालिकाना हक दिया गया परंतु नगला नगर पालिका क्षेत्र की पुरानी मलिन बस्ती इसमें शामिल नहीं हो पाई क्योंकि तब नगला नगर पालिका अस्तित्व में नहीं आई थी। अन्य नगर पालिका पंचायत द्वारा अपने क्षेत्र के मलिन बस्तियों को नियमितीकरण करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। कहा कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मे स्वामित्व योजना के तहत आबादी पर बसे लोगों को उनके जमीन का मालिकाना हक दिया गया लेकिन शहरी क्षेत्रों मे आबादी पर बसे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका जिस कारण जिस कारण किच्छा नगर पालिका क्षेत्र के पुरानी मंडी, बडीया भट्ठा, सुनहरी आदि मलिन बस्तियों के निवासियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, अतः सरकार द्वारा योजना बनाकर शहरी क्षेत्र में आबादी पर बसे हुए लोगों को भी स्वामित्व योजना के तहत उनके कब्जे की जमीन पर मालिकाना हक दिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला को आश्वस्त किया कि जल्दी ही जिला प्रशासन से नगला नगर पालिका क्षेत्र की मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करने का प्रस्ताव शासन में मंगाकर कार्रवाई की जाएगी, साथ ही शहरी क्षेत्रों मे स्वामित्व योजना का लाभ देने के लिए केबिनेट में चर्चा कर योजना बनाई जाएगी जिससे शहरी क्षेत्रों मे आबादी पर निवास करने वाले लोगो को मालिकाना हक मिल सके।