15 साल का हिसाब दें नेता, रामनगर की सड़कों पर विकास नदारद”भ्रष्टाचार की जकड़ में रामनगर, जनता ने कहा अब बदलाव चाहिए”
रोशनी पांडे – प्रधान संपादक
रामनगर। नगर निकाय चुनाव में प्रचार अपने चरम पर है। प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जनता में गुस्सा और सवाल दोनों हैं। रामनगर के विकास के नाम पर वर्षों से अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोपों ने चुनावी मैदान को और गरमा दिया है।
मुख्य समस्याएं जो बनी चिंता का विषय
- ट्रैफिक जाम:
रामनगर की मुख्य सड़कों पर हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे न केवल आम जनता को परेशानी होती है बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक बड़ी समस्या बन चुका है। - अतिक्रमण:
बाजार की गलियों में दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। सड़कों की संकरी स्थिति सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। - सड़कों की खस्ताहाल:
नगर की सड़कों का मरम्मत कार्य अक्सर कुछ ही महीनों में बर्बाद हो जाता है। जनता का कहना है कि सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान न देना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। - भ्रष्टाचार के आरोप:
विरोधियों ने नगर पालिका में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। जनता का आरोप है कि विकास कार्यों के नाम पर नगर पालिका में भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे रामनगर की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जनता का रुख और प्रत्याशियों पर सवाल
वर्षों से नगर पालिका पर काबिज रहे चेहरों के खिलाफ जनता में आक्रोश है। इस बार जनता बदलाव की उम्मीद जता रही है। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि जो प्रत्याशी विकास कार्यों में विफल रहे, वे फिर से क्यों मौका मांग रहे हैं।
23 जनवरी को होगा फैसला
रामनगर की जनता का फैसला 23 जनवरी को मतदान के जरिए सामने आएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता बदलाव को तरजीह देगी या पुराने चेहरों पर भरोसा जताएगी।