सरकार से नाराज वन आरक्षी हड़ताल पर, फायर सीजन में बढ़ सकता है खतरा।
उधम सिंह राठौर – प्रधान सम्पादक
देहरादून। उत्तराखंड में 15 फरवरी से फायर सीजन की शुरुआत हो रही है, लेकिन इस बार जंगलों की सुरक्षा को लेकर संकट गहरा गया है। राज्यभर में वन आरक्षी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे जंगलों में आग की घटनाओं को रोकना सरकार और वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।
हर साल गर्मियों में उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगती है, जिससे करोड़ों रुपये की वन संपदा राख हो जाती है। इस बार हालात और गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि जंगलों की सुरक्षा में तैनात वन आरक्षी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उत्तराखंड वन आरक्षी संघ के आह्वान पर प्रदेशभर में हड़ताल शुरू कर दी गई है।
प्रमोशन, वर्दी संशोधन और वेतन की मांग पर अड़े वन आरक्षी
वन आरक्षी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में वर्दी में एक स्टार जोड़ने, 10 साल से अधिक सेवा वाले आरक्षियों के प्रमोशन और अन्य विभागों की तर्ज पर 13 महीने का वेतन देने की मांग शामिल है। बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद सरकार और वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे नाराज वनकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर जंगलों की सुरक्षा में लगे कर्मचारी ही ड्यूटी पर नहीं होंगे, तो आग लगने की घटनाओं पर नियंत्रण कैसे होगा? वन विभाग और सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। स्थानीय प्रशासन और आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि जंगलों को इस संकट से बचाया जा सके।