विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा निर्देशानुसार (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 पर जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन
रोशनी पांडे – प्रधान संपादक
माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल एवं माननीय उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा निर्देशानुसार तथा माननीय जिला न्यायाधीश महोदय अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल श्रीमती सुजाता सिंह के मार्गदर्शन के दृष्टिगत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीनियर सिविल जज बीनू गुलयानी , स्वास्थ्य विभाग , राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा सामूहिक रूप से एम बी पी जी कॉलेज हल्द्वानी मे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस व नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया
जागरूकता शिविर में सीनियर सिविल जज बीनू गुलानी द्वारा नालसा मानसिक स्वास्थ्य योजना 2015 पर जानकारी देते हुए बताया कि मानसिक अशक्तता ग्रस्त व्यक्ति, मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है और सभी संस्थाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मानसिक बीमारी उचित दवाई और देखरेख से ठीक हो सकती हैं। साथ ही मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति सभी मानवीय अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के हकदार है। उनके साथ मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के कारण भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उनके साथ अत्यंत संवेदनशीलता और देखभाल के साथ व्यवहार करना चाहिए।
इस प्रकार के अशक्त व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत थाने के प्रभारी अधिकारी ही पकड़ सकते हैं। मानसिक बीमार व्यक्ति की उचित देखरेख नहीं होने और उसकी सुरक्षा खतरे में होने पर कोई भी व्यक्ति संबंध में अपनी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को कर सकते है। जगरुकता शिविर मे पॉश अधिनियम/आंतरिक शिकायत समिति,स्थायी लोक अदालत विषयों पर भी जानकारियां दी गई,