नाबार्ड की पहल — सहकारिता के महत्व पर किसानों व महिलाओं को किया जागरूक।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
हल्द्वानी/ज्योलीकोट,
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किए जाने के क्रम में सहकारी समितियों की भूमिका को लेकर जागरूकता बढ़ाने हेतु मंगलवार को ज्योलीकोट के चोपड़ा गाँव में एक दिवसीय जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सहकारी समितियों के योगदान को रेखांकित करना और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की प्राप्ति में उनकी भूमिका को उजागर करना था।
इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री मुकेश बेलवाल एवं लीड बैंक मैनेजर श्री अजय वाजपेयी द्वारा प्रतिभागियों को सहकारिता कार्यक्रम, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों तथा बहुउद्देशीय साधन सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली एवं लाभों की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति, ज्योलीकोट से श्री हयात मेहता, संगीता आर्य, हरगोविंद रावत, शेखर भट्ट एवं पवन कुमार सहित चोपड़ा गाँव के लगभग 50 किसान एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्याएं उपस्थित रहीं। सभी प्रतिभागियों ने सहकारी आंदोलन के महत्व पर विचार साझा किए और क्षेत्रीय विकास में सहभागिता की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय ग्रामीणों, किसानों और महिलाओं को सहकारिता के आर्थिक एवं सामाजिक लाभों से परिचित कराया गया। नाबार्ड द्वारा आगे भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है, जिससे सहकारिता आधारित विकास को ग्रामीण स्तर तक मजबूत किया जा सके।