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महिला सशक्तिकरण योजनाओं का Performance Audit अनिवार्य, दूरस्थ क्षेत्रों में सैनेटरी नैपकिन वितरण की नई कार्ययोजना।

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महिला सशक्तिकरण योजनाओं का Performance Audit अनिवार्य, दूरस्थ क्षेत्रों में सैनेटरी नैपकिन वितरण की नई कार्ययोजना।

 

उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक

 

देहरादून। उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सभी योजनाओं का Performance Audit किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच रहा है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इसके निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं के प्रभाव मूल्यांकन (Impact Evaluation) के आधार पर आवश्यक सुधार और पुनर्गठन (Remodulation) किया जाएगा।

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मुख्य सचिव सचिवालय में उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति की महासभा की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण योजनाओं की सटीक जानकारी तलब करते हुए महिला लाभार्थियों की वास्तविक संख्या पर रिपोर्ट मांगी।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:

महिला सशक्तिकरण योजनाओं का Performance Audit अनिवार्य रूप से होगा।
✅ योजनाओं के लक्षित वर्ग पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन कर आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
महिला आजीविका योजनाओं को मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना से जोड़ा जाएगा।
मेधावी छात्राओं के लिए देशभर में शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई जाएगी।
दूरस्थ क्षेत्रों में आंगनबाड़ियों के माध्यम से महिलाओं एवं बालिकाओं को सैनेटरी नैपकिन वितरित किए जाएंगे।
महिलाओं में एनीमिया उन्मूलन अभियान को जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा।

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बैठक के दौरान मुख्य सचिव को बाल कल्याण निधि, किशोरियों एवं महिलाओं के लिए सैनेटरी नैपकिन योजना, मुख्यमंत्री सतत आजीविका योजना और उत्तराखंड महिला समेकित विकास योजना की वर्ष 2019 से 2024 तक की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी दी गई।

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बैठक में सचिव  चंद्रेश यादव,  विनय शंकर पांडेय,  नीरज खैरवाल सहित शिक्षा, वित्त और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।