उत्तराखंड कैबिनेट के 16 अहम फैसले: रोW मुआवज़ा बढ़ा, ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा, नैनी-सैनी एयरपोर्ट AAI को हस्तांतरित”
रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक
1. पारेषण लाईनों के निर्माण में मार्गाधिकार सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण हेतु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों एवं अनुपूरक दिशा-निर्देशों को पिटकुल हेतु अंगीकार किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन।
उपरोक्त के फलस्वरूप पिटकुल द्वारा निर्मित की जाने वाली 66 के.वी. एवं इससे अधिक क्षमता के अंतर्राज्यीय पारेषण लाइनों के निर्माण हेतु भू-स्वामियों को न्यायसंगत मुआवजा प्रदान कर Right of Way से संबंधित विवादों के समाधान एवं परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करते हुए मुआवजे की राशि में वृद्धि की गई है। अब पारेषण लाईनों के लिए बनाए जाने वाले टावर के चारों कोने के नीचे के क्षेत्र एवं इसके एक मीटर की परिधि के अंतर्गत आने वाली भूमि के लिए मुआवजा की राशि सर्किल रेट का दो गुना की गई है। पारेषण लाईन के नीचे अवस्थित खेतांे के लिए भी निर्धारित सर्किल दर के आधार पर ग्रामीण क्षेत्र में 30 प्रतिशत, अर्द्ध नगरीय में 45 प्रतिशत एवं नगरीय क्षेत्र में 60 प्रतिशत की दर पर मुआवजा देय होगा। सर्किल रेट एवं मार्केट रेट के दर पर बहुत अधिक अंतर होने की दशा में जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति देय मुआवजे की दरों का निर्धारण करेगी। इस समिति में भूमि के स्वामियों का प्रतिनिधि भी बतौर सदस्य सम्मिलित किया जाएगा।
2. उत्तराखंड जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025“ के प्रख्यापन को मंत्रिमण्डल की स्वीकृति।
विभागों के अन्तर्गत छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, कानूनों में छोटी तकनीकी और प्रक्रियात्मक खामियों के लिये नागरिक दंड एवं प्रशासनिक कार्यवाही आंरभ करने एवं कानूनों के अप्रचलित एवं अनावश्यक प्रावधानों को हटाये जाने आदि उद्देश्यों हेतु भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के क्रम में ’उत्तराखण्ड जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश 2025’ को यथाप्रक्रिया प्रख्यापित किये जाने की मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमति प्रदान की गयी है। इस अध्यादेश की प्रमुख विशेषतायें निम्नवत् हैंः-
(1) छोटे / विनियामक/प्रासंगिक अपराधों के लिए कारावास को मौद्रिक दंड से प्रतिस्थापित किया गया है।
(2) जहाँ निवारण की आवश्यकता थी, वहाँ दंड बढ़ाए गए या आनुपातिकता सुनिश्चित करने के लिए पुनर्गठित किए गए।
(3) स्वतः संशोधनः निवारक मूल्य बनाए रखने के लिए सभी जुर्माने / दंड हर तीन साल में 10 प्रतिशत बढ़ाए जाएंगे।
(4) प्रशासनिक / सुधारात्मक कार्रवाई पर जोर (उदाहरण के लिए, अनिवार्य उत्पाद वापसी, अनुपालन का शपथ पत्र)।
(5) गंभीर या बार-बार किए गए अपराधों के लिए अभी भी कारावास हो सकता है, लेकिन सख्त सीमाओं के भीतर।
3. भारत सरकार द्वारा Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2025-26 (SASCI 2025-26) में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्य में नवीन भवनों के निर्माण में ग्रीन बिल्डिग के मानको को प्रोत्साहित किये जाने हेतु अतिरिक्त FAR दिए जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन।
उक्तानुसार पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ी शैली एवं मैदानी क्षेत्रों में पारम्परिक श्रेणी के भवन निर्माणों को प्रोत्साहित किये जाने हेतु अतिरिक्त FAR देयता हेतु भवन निर्माण एवं विकास उपविधि/विनियम, 2011 में ग्रीन बिल्डिंग/हरित निर्माण तथा अन्य से संबंधित प्रावधानों का समावेश किये जाने के उद्देश्य से कतिपय संशोधन करने, मुख्यतः ऊर्जा दक्षता और स्थिरता मानकों का पालन सुनिश्चित करने तथा नवीन भवनों में शीत छत (Cool Roof) / हरित छत (Green Roof) एवं नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का समावेश किए जाने से संबंधित प्राविधानों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई।
4. भारत सरकार द्वारा SASCI 2025-26 में प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में राज्यान्तर्गत लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को युक्तिसंगत किए की मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति।
उक्तानुसार राज्य में प्रचलित भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के अन्तर्गत मार्ग चौड़ाई, व्यावसायिक विकास के अन्तर्गत व्यावसायिक/कार्यालय के सैट बेक, भू-आच्छादन एवं FAR होटल की ऊँचाई एवं रिजोर्ट एवं इको-रिजोर्ट हेतु भू-आच्छादन एवं FAR, पहुँच मार्ग, पार्किंग में स्टिल्ट की ऊँचाई के वर्तमान प्रावधानों में संशोधन कर इन्हें युक्तिसंगत किए जाने का अनुमोदन।
राज्य में पर्यटन विकास की संभावनों के दृष्टिगत इको-रिजोर्ट की भांति ही अब रिजॉर्ट निर्माण के लिए भी भू-उपयोग परिवर्तन के बिना कृषि भूमि का उपयोग किया जा सकेगा।







