उत्तराखंड क्राइम रामनगर

रामनगर में बाघ का हमला, ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन मौन

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रामनगर में बाघ का हमला, ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन मौन

रोशनी पांडेप्रधान संपादक

रामनगर: जिम कॉर्बेट के बिजरानी रेंज में बाघों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। वन विभाग की लापरवाही के कारण अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन प्रशासन की चुप्पी ग्रामीणों के आक्रोश को और बढ़ा रही है। ताजा घटना में वन विभाग के गश्ती दल के सदस्य गणेश पवार बाघ के हमले का शिकार हो गए, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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ग्रामीणों में आक्रोश, सड़क पर उतरे लोग

गणेश पवार पर हमले के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। घंटों तक जाम लगा रहा, लेकिन वन विभाग के अधिकारी अब भी केवल जांच के नाम पर कार्रवाई टालते नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है—पिछले कुछ महीनों में कई लोग बाघों के शिकार बन चुके हैं, लेकिन वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

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खेतों और स्कूल जाने से डर रहे ग्रामीण

बिजरानी रेंज और आसपास के इलाकों में डर का माहौल इतना बढ़ गया है कि लोग अपने खेतों में जाने से भी कतरा रहे हैं। यहां तक कि बच्चे भी स्कूल जाने से डर रहे हैं। स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने बताया, “हर रोज़ बाघ की दहशत में जीना पड़ता है। सरकार और वन विभाग कब तक सिर्फ आश्वासन देते रहेंगे?”

वन विभाग की सफाई—“जांच जारी है”

इस पूरे मामले में वन विभाग के अधिकारी हमेशा की तरह वही पुराना जवाब दोहरा रहे हैं—”हम देख रहे हैं, हम जांच कर रहे हैं।” हालांकि, सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक निरीह ग्रामीणों को बाघों का शिकार होना पड़ेगा? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?

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