उत्तराखंड क्राइम नैनीताल रामनगर

हाईकोर्ट की सख्ती: रामनगर SHO हटे, रिसॉर्ट विवाद में पुलिस की भूमिका पर सवाल।

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हाईकोर्ट की सख्ती: रामनगर SHO हटे, रिसॉर्ट विवाद में पुलिस की भूमिका पर सवाल।

 

रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक

 

नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने मंगलवार को रामनगर के कोतवाल (SHO) को पद से हटाने का आदेश जारी कर प्रशासन और पुलिस विभाग को कड़ा संदेश दिया। यह कार्रवाई अमगढ़ी क्षेत्र में स्थित वंसा इको रिजॉर्ट के मालिकाना हक विवाद से जुड़ी है, जिसमें पुलिस की कथित संदिग्ध भूमिका पर कोर्ट ने तल्ख रुख अपनाया और राज्य सरकार को फटकार लगाई।

दरअसल, तीन दिन पहले कोर्ट ने सुनवाई में SHO के आचरण पर सवाल उठाए थे और तत्काल हटाने का निर्देश दिया था। लेकिन मंगलवार को जब SHO हटाने में देरी हुई, तो कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि उन्हें उसी दिन हटाया नहीं गया तो हाईकोर्ट स्वयं उन्हें निलंबित कर देगा और डीजीपी व नैनीताल एसएसपी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार ने शपथपत्र दाखिल कर SHO को हटाने की जानकारी कोर्ट को दी।

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विवाद की जड़:
अमगढ़ी स्थित वंसा इको रिजॉर्ट के मालिक आलोक नंदा और सुशांत कुमार व रामकुमार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों ने कई बार एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैं। हाल ही में यह विवाद तब बढ़ा जब आलोक नंदा ने आरोप लगाया कि कथित रूप से भाड़े पर बुलाए गए युवकों की एक पूरी गैंग रिजॉर्ट की जमीन पर कब्जा करने पहुंची। यह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।

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आलोक नंदा का आरोप है कि पुलिस ने इसमें मिलीभगत की और उन्हें चार-पांच घंटे तक कोतवाली में रोका, बाद में धमकी देकर छोड़ा। आलोक नंदा ने हाईकोर्ट में वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। इन गंभीर आरोपों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की और SHO को हटाने का आदेश सुनाया।

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इस कार्रवाई ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और राज्य सरकार व प्रशासन को भी कठघरे में ला खड़ा किया है। अब यह देखना बाकी है कि SHO हटने के बाद इस लंबे समय से चल रहे रिसॉर्ट विवाद में क्या नया मोड़ आता है।