रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक
देहरादून : बीएएमएस फर्जी डॉक्टर मामले में नेहरू कॉलोनी पुलिस ने एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपी फर्जी डॉक्टर सहारनपुर के बेहट में प्रैक्टिस कर रहा था। वहीं फर्जी डॉक्टर मामले में एसटीएफ ने 36 फर्जी बीएएमएस डॉक्टर को चिन्हित किया था। साथ ही एसआईटी की टीम द्वारा अन्य संदिग्ध आरोपियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई गई है।
11 जनवरी को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया था। इस मामले में एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन इमरान सहित दो फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया था। इमरान और इमलाख दोनों भाई कॉलेज के संचालक हैं और कॉलेज की आड़ में वह बीएएमएस व अन्य कोर्स की जाली डिग्रियां बेच रहे थे। तीन फरवरी को एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर इनामी इमलाख को गिरफ्तार कर लिया, जिसके पास से बड़ी संख्या में जाली डिग्रियां व अन्य दस्तावेज बरामद हुए थे।
एसटीएफ की टीम ने इस पूरे मामले में 36 फर्जी डॉक्टरों को चिन्हित किया था। जिसके बाद एसएसपी ने एसपी क्राइम के नेतृत्व में 10 मई में गठित एसआईटी का गठन करते हुए थाना नेहरू कॉलोनी पर पंजीकृत मुकदमा में विवेचना करते हुए अब तक कुल 23 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जिनसे पूछताछ में सहरानपुर के रहने वाले आरोपी लोकेश शर्मा के बारे में जानकारी मिली थी कि उसने बेंगलुरू कर्नाटक के एन फर्जी संस्थान से डिग्री ली थी। जिसके बाद थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने लोकेश शर्मा को बेहट से गिरफ्तार किया है। साथ ही भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी करते हुए जेल भेजा जा चुका है।