भाजपाई नीति: “चुनाव से पहले वोटर चुनाव के बाद अतिक्रमणकारी”, अतिक्रमण के नाम पर बेघर किए जाने पर बिफरे पूर्व विधायक रणजीत।
रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक
रामनगर। हाई कोर्ट के फैसले की आड़ में सरकार द्वारा अतिक्रमण के नाम पर लोगों को बेघर किए जाने की नीति का विरोध करते हुए पूर्व विधायक ने सरकार से मानसून के दौरान कार्यवाही रोकने की मांग की है।
कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट के निर्णय के आड़ लेकर सरकार हर किसी को उजाड़ने पर उतारू है। सड़क किनारे छोटा मोटा रोजगार करने वालों के साथ ही बरसों से किसी तरह अपना सिर छिपाने के लिए बनाई गई झुग्गियों तक को सरकार उजाड़ने की कोशिश कर रही है। जबकि सरकार को लोगों को उजाड़ने से पहले उनका पुनर्वास करना चाहिए।
रावत ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय इन्हीं लोगों के दर दर पर वोटों की भीख मांगने वाले भाजपाइयों को चुनाव निबटते ही यह लोग अतिक्रमणकारी दिखने लगे हैं। इतना ही नहीं सरकार एनएच से अतिक्रमण हटाने के कोर्ट के आदेश की आड़ में रामनगर में भी वन विभाग ने वन भूमि पर बसे अपने दर्जनों लीजधारकों को भी लीज रिनिवल न होने के आरोप में उनकी बेदखली का प्रयास शुरू कर दिए हैं। जबकि विभाग उनकी लीज को खुद रिनिवल नहीं कर रहा है। विभाग से रिनिवल तक की फाइलें गायब हो जा रही हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर लोगों को परेशान करने का काम कर रही है। जबकि प्रदेश के हर नागरिक की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार को लोगों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में किसी भी संवेदनशील सरकार को जिन जेसीबी मशीनों का उपयोग लोगों को राहत दिलाने के काम में करना चाहिए, प्रदेश में भाजपा की क्रूर सरकार उस समय उनका इस्तेमाल लोगों के आशियाने विध्वंस करने लिए कर रही है।
रावत ने मानसून के दौरान सरकार की लोगों को उजाड़ने वाली किसी भी कार्यवाही का विरोध करने का एलान करते हुए कहा कि सरकार पहले लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करे। अन्यथा सरकारी दमन के खिलाफ कांग्रेस उसके खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।