रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक
विलुप्त होने की कगार वाली प्रजातियो के पक्षियों में गिने जाने वाले ओर पर्यावरण प्रहरी कहलाने वाले गिद्धों ने इनदिनों तराई पष्चिमी डिवीजन रामनगर की रेंज पतरामपुर में अपना डेरा जमाया हुआ है। आपको बता दे कि विलुप्त होने जा रही हैं। प्रजाति के गिद्धों के झुंड इनदिनों वन विभाग की रेंज पतरामपुर में दिखाई देने से वन विभाग में उत्साह देखने को मिल रहा हैं। साथ ही वन विभाग गिद्धों की सुरक्षा को लेकर अलॉट मोड में नजर आ रहा हैं। गिद्धों की मौत का कारण मनुष्यों में काम आने वाली दर्द निवारक दवा डाइक्लोफेनिक भी हैं।
जिसका पूर्व में पशुओं में अत्यंत उपयोग हुआ था पशुओं के मृत शरीर को भोजन बनाने वाले गिद्ध इस दवा के दुष्प्रभाव की चपेट में आय थे। इसी कारण गिद्धों की मौतों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। जबकि पशुओं में डाइक्लोफेनिक के उपयोग पर केंद्र सरकार 2008 में प्रतिबंध भी लगा चुकी हैं। वन विभाग के कर्मचारी गिद्धों की सुरक्षा को देखते हुए गिद्धों की मॉनिटरिंग भी कर रहे है।