जंगलों की हिफाजत के लिए वन विभाग पूरी तरह तैयार।
रोशनी पाण्डेय- प्रधान संपादक
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का कहर देखने को मिल रहा है जहां चिलचिलाती तेज धूप से जंगलों में आग का तांडव देखा जा रहा है… तो दूसरी ओर बढ़ती गर्मी से जंगली जानवर पानी के लिए तरस रहे हैं। पानी के लिए भटकते जानवरों और जंगलों की हिफाजत के लिए अब वन विभाग अलर्ट हो गया है…. और अपनी तैयारी कर ली है क्या है वह विभाग की तैयारी देखी हमारी एक खास रिपोर्ट
गर्मी का मौसम लगते ही आग का तांडव देखने को मिल रहा है उत्तराखंड में आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही और इन घटनाओं में जंगली जानवरों को झुन्झना पड़ रहा है इतना ही नहीं भीषण गर्मी से जंगली जानवरों को पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है उत्तराखंड में लगभग एक दर्जन से अधिक आग की घटनाएं सामने आई है….बुधवार को भी टिहरी, नरेंद्रनगर, रामनगर, लैंसडोन वन प्रभाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में ऐसी ही आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं…..
आग के बढ़ते इस ग्राफ से चिंतित वन विभाग भी अलर्ट दिखाई दे रहा है जहां आग से निपटने के लिए तराई पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में टीमों का गठन और टीम द्वारा लगातार क्षेत्र में ग्रस्त की जा रही है इतना ही नहीं जंगलों में रहने वाले बाघ, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरन, चीतल, साँभर, तेंदुआ काकड़, नीलगाय, घुरल अन्य वन्य प्राणी आग से बचाने के साथ-साथ इन वन्य जीवों को किसी भी तरीके से पीने के पानी की समस्या भी ना हो उसको लेकर भी डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। जहां जंगलों के बीच कुछ किलोमीटर पर पक्के वाटर हाल बनाए गए हैं और जिसमें स्वास्थ पानी का इंतजाम भी किया गया है। ताकि वन्यजीवों को पीने के पानी के लिए यहां वहां जाना ना पड़े और जंगलों की खूबसूरती बनी रहे।
जंगलों में लगी आग दिन-प्रतिदिन विकराल हो रही है। वन कर्मी भी लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी की तराई पश्चिमी डिवीजन के लिए को प्रकाश आर्य की तैयारी कितनी जंगलों के साथ वन्यजीवों को बचाने में सक्षम होती है।