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कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष के बावजूद भुवन पांडे का नामांकन, रणजीत सिंह रावत ने दिया पूरा समर्थन

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कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष के बावजूद भुवन पांडे का नामांकन, रणजीत सिंह रावत ने दिया पूरा समर्थन

रोशनी पांडे  – प्रधान संपादक

 

रामनगर नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन पांडे ने  पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। हाल ही में वीआरएस लेने वाले भुवन पांडे को कांग्रेस हाईकमान ने प्रत्याशी घोषित किया है।

नामांकन में दिखा दमखम
भुवन पांडे के नामांकन के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे, जिससे उनकी मजबूत पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। नामांकन के बाद भुवन पांडे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर जनता ने उन्हें मौका दिया, तो वह रामनगर की जुआ, नशा, बेरोजगारी, नजूल भूमि, सीवरेज, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेंगे।

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रणजीत सिंह रावत का बयान
पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को रामनगर नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करने में कठिनाई हुई, जिसके चलते इस सीट को ओपन घोषित किया गया। उन्होंने भुवन पांडे को सक्षम और योग्य उम्मीदवार बताते हुए उनके समर्थन में जनता से अपील की।

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कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी उजागर
रामनगर में कांग्रेस की आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आ गई है। नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए करीब 16 दावेदारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। इनमें से कई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी पर आरोप लगाए कि पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया है।

रविवार को कांग्रेस के असंतुष्ट गुटों ने एक बैठक आयोजित की, जिसमें पार्टी के कुछ नेताओं पर भुवन पांडे को वीआरएस दिलाने और उन्हें जल्दबाजी में प्रत्याशी बनाए जाने का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पुराने और ईमानदार कार्यकर्ताओं को मौका देना चाहिए था।

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भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति
असंतोष के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ इस चुनाव को लड़ा जाएगा। पार्टी की कोशिश होगी कि रामनगर में कांग्रेस को बहुमत दिलाया जाए और नगरपालिका में एक बार फिर कांग्रेस का परचम लहराया जाए।

निष्कर्ष

रामनगर में कांग्रेस की गुटबाजी और असंतोष के बीच भुवन पांडे की उम्मीदवारी क्या पार्टी को जीत दिला पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा। वहीं, भाजपा के खिलाफ एकजुटता का दावा कितना प्रभावी रहेगा, यह आने वाले समय में साफ होगा।