उत्तराखंड जरा हटके रामनगर

रामनगर में पूर्व सैनिक संगठन द्वारा कारगिल दिवस पर शहीदों को दी गयी भावभीनी श्रधांजलि।

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रामनगर में पूर्व सैनिक संगठन द्वारा कारगिल दिवस पर शहीदों को दी गयी  भावभीनी श्रधांजलि।

 

रोशनी पाण्डेय – प्रधान संपादक

आज यानी 26 जुलाई को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध को 25 साल पूरे हो गए हैं, इसके साथ ही भारतीय सेना द्वारा किया गया ऑपरेशन विजय भी अपने 25 साल पूरे कर चुका है, हर साल 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है, यह दिवस उन सभी वीरों की कहानी दोहराता है,जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश के लिए हंसते-हंसते युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दे दी, 25 साल पहले भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबो को पस्त करते हुए।

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कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराया था, गर्व से भरे इस दिन को तभी से हम कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं, 26 जुलाई की यह तारीख इसलिए भी ऐतिहासिक है,क्योंकि इसी दिन ऑपरेशन विजय सफल हुआ था, इस ऑपरेशन में भारतीय सैनिकों ने जम्मू कश्मीर स्थित कारगिल के उन इलाकों पर दोबारा फतह हासिल की जिन पर पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने घुसपैठ कर कब्जा कर लिया था।

 

 

 

कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुवे पूर्व सैनिक संगठन के सचिव नायक भुवन सिंह डंगवाल द्वारा कहा गया की कारगिल दिवस देश की एकता और देशभक्ति का प्रतीक है, जिसे भारत-पाकिस्तान की सैन्य जंग को इतिहास में विजय के प्रतिक के तौर पर मनाया जाता है,कार्यक्रम की शुरुवात जय घोष के साँथ की गयी, तातपश्चात् शहीदो की याद मे उन्हें नमन करते हुवे मौन धारण किया गया।

 

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कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन संरक्षक कैप्टेन हरगोविंद मासीवाल जी व कैप्टेन ललित मोहन मठपाल जी के द्वारा की गयी,संगठन के पदाधिकारी संगठन मंत्री हवलदार भारत बंधु रावत जो की कारगिल युद्ध वीर शहीद विश्व बंधु के भाई है,का कहना है की,इस दिन भारत वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करता है जिन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा की। कैप्टेन पूरन बिष्ट नें वीरों को याद करते हुवे कहा की *वीरो की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, देश पर मिटने वालो का यही आख़री निशान होंगा* कार्यक्रम मे पूर्व सैनिको द्वारा जय घोष व भारत माता की जय के नारे लगाए गए।

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कार्यक्रम मे लगभग 2 दर्जन सरदार साहेबान व पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। जिनमें कैप्टेन दामोदर जोशी, कैप्टेन ललित मोहन खाती,कैप्टेन बालम सिंह बिष्ट,कैप्टेन बलवंत सिंह रावत,कैप्टेन बालम सिंह डंगवाल,हवलदार मंगल सिंह रावत,विश्राम गृह संरक्षक हवलदार भगवत चौहान, हवलदार चंद्र मोहन रावत, हवलदार रविन्द्र सिंह डंगवाल,हवलदार नंदन बिष्ट,हवलदार हरीश पंत,आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।कार्यक्रम समाप्ति पर सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था की गयी।