जरा हटके रामनगर

मोहान में घटित मानव वन्यजीव संघर्ष प्रकरणों के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक धनगढ़ी परिसर में आहूत की गयी।

Spread the love

रोशनी पाण्डेय – प्रधान सम्पादक

आज दिनांक 27.12.2022 प्रमुख सचिव वन, उत्तराखण्ड शासन  आर0के0 सुधांशु द्वारा विगत माहों में राष्ट्रीय राजमार्ग 309 गर्जिया – धनगढ़ी-मोहान में घटित मानव वन्यजीव संघर्ष प्रकरणों के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक धनगढ़ी परिसर में आहूत की गयी। इस अवसर पर डॉ० समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड के निर्देशन में डॉ० धीरज पाण्डेय, फील्ड डाईरेक्टर, कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा पूर्व में घटित घटनाओं तथा वर्तमान में की जा रही कार्यवाहियों के सम्बन्ध में विस्तार में अवगत कराया गया। फील्ड डाईरेक्टर, कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा अवगत कराया कि वर्तमान में वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारियों में 03 टीमों द्वारा हिंसक बाघ रेस्क्यू / ट्रैक्यूलाईजेशन का कार्य किया जा रहा हैं।

 

 

तथा टीमों द्वारा बाघ को चिन्हित किये जाने के काफी प्रयासों के बावजूद भी बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने में सफलता हासिल नहीं हो सकी है। वर्तमान में कार्बेट टाइगर रिजर्व व रामनगर वन प्रभाग, रामनगर द्वारा संयुक्त रूप से 04 पिंजरे क्षेत्र में लगाये गये है तथा सघन रूप से उक्त क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाये गये है। इसे अतिरिक्त क्षेत्र में लाईव कैमरें तथा Omni Directional कैमरे द्वारा भी क्षेत्र की लाईव रिकॉर्डिंग भी प्राप्त की जा रही है। उक्त के अतिरिक्त रेस्क्यू कार्य में ड्रोन, हाथियों तथा मचानों का भी प्रयोग किया जा रहा है तथा क्षेत्र में क्षेत्रवासियों / ग्रामीणों / राहगीरों को जागरूक व सावधान करने हेतु गर्जिया, धनगढ़ी व मोहान क्षेत्र में क्षेत्रवासियों की आत्मसुरक्षा हेतु रात्रि में दो पहिया वाहन तथा अकेले ना निकलने एवं दिन के समय में भी वन क्षेत्र में ना जाने की अपील / मुनादी की जा रही है।

यह भी पढ़ें 👉  डा० भीमराव अम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर शोभा यात्रा के दौरान हल्द्वानी शहर का यातायात /डायवर्जन प्लान जनपद-नैनीताल।

 

 

 

प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड द्वारा वर्तमान में बाघ रेस्क्यू अभियान के सम्बन्ध में कार्बेट टाइगर फाउण्डेशन के डॉ० हरेन्द्र बर्गली से पिछले वर्षो में हुई पशु क्षतियों का डाटा कार्बेट टाइगर रिजर्व के साथ साझा करने के निर्देश दिये गये, जिससे की बाघ के के बदलते हुये व्यवहार / पैटर्न पर अध्ययन किया जा सके। प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा निर्देश दिये गये कि क्षेत्र वासियों, ग्रामीणों के साथ बैठक कर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाये।

यह भी पढ़ें 👉  ड्रग फ्री देवभूमि अभियान के तहत रामनगर पुलिस की बड़ी कार्यवाही – 3.040 कि.ग्रा. अवैध गांजा के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार"

 

 

 

बैठक में  नीरज शर्मा, उप निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, डॉ० दुष्यंत शर्मा वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, कार्बेट टाइगर रिजर्व, डॉ० हिमांशु पांगती वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, नैनीताल जू० डॉ० आयुष उनियाल पशु चिकित्सक पश्चिमी वृत्त, डॉ० हरेन्द्र बर्गली, उप निदेशक, कार्बेट फाउण्डेशन ए०ज० अंसारी, वन्य जीव प्रतिपालक नामित सदस्य कुन्दन सिंह खाती एन०टी०सी०ए० द्वारा नामित सदस्य अमित ग्वासीकोटी, पार्क वार्डन,  बिन्दर पाल, वन क्षेत्राधिकारी, सर्पदुली रेंज हरेन्द्र रावत, वन क्षेत्राधिकारी, मंदाल रेंज मथुरा सिंह मावड़ी, वन क्षेत्राधिकारी, पाखरौ रेंज, रमेश राम टम्टा, उप वन क्षेत्राधिकारी, कोसी रेंज धर्मपाल सिंह नेगी, वन दरोगा, सर्पदुली रेंज व भुवन चन्द्र सती, वन दरोगा कोसी रेंज आदि अधिकारी / कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह भी पढ़ें 👉  एसपी सिटी हल्द्वानी ने अवैध मदरसों के सत्यापन/सीलिंग ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मियों को किया ब्रीफ, दिए निर्देश।

 

 

प्रमुख सचिव वन आशु सुधांशु द्वारा रेस्क्यू कार्य में लगी टीमों को शीघ्र ही हिंसक बाघ को रेस्क्यू / टेक्यूलाईजेशन करने के निर्देश दिये गये ।

 

 

उक्त बैठक में पूर्व में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं का संज्ञान लेते हुये कार्बेट टाइगर रिजर्व द्वारा कालागढ़ वन्यजीव प्रशिक्षण केन्द्र से डमी ली गयी है। इन डमी का आवश्यकतानुसार सम्बन्धित क्षेत्र में तैनात कर उपयोग किया जायेगा।