
आईजी कुमायूँ रिद्धिम अग्रवाल की पहल ‘मिशन संवाद’ — पुलिस बल के मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक कल्याण की नई दिशा।
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
नैनीताल।
पुलिस कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक कल्याण और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा चलाया जा रहा “मिशन संवाद” कार्यक्रम एक नई मिसाल बनता जा रहा है।
मा० मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के सशक्त उत्तराखण्ड विज़न, पुलिस महानिदेशक के मार्गदर्शन और आईजी कुमायूँ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल की संवेदनशील पहल से यह कार्यक्रम पुलिस बल के भीतर सकारात्मक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
पुलिस लाइन नैनीताल में आयोजित दो दिवसीय “संवाद वेलनेस मेला–2025” (25–26 अक्टूबर) इसी मिशन का हिस्सा रहा, जिसमें कुमायूँ परिक्षेत्र के विभिन्न जनपदों से आए पुलिस कर्मियों और उनके परिवारजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अवसर पर दिल्ली से आए अनुभवी काउंसलरों द्वारा कक्षा 9 से 12 तक के लगभग 250 पुलिस कर्मियों के बच्चों को करियर मार्गदर्शन संबंधी कार्यशालाएँ दी गईं। साथ ही पुलिस मॉडर्न स्कूल और 31वीं वाहिनी पीएसी के परिवारों के लिए भी वेलनेस सत्र आयोजित किए गए।
कार्यक्रम के दूसरे दिन उपस्थित कुमायूँ आयुक्त श्री दीपक रावत ने कहा कि, “आईजी रिद्धिम अग्रवाल की यह पहल पुलिस बल के भीतर स्वस्थ, संवेदनशील और सकारात्मक वातावरण का निर्माण कर रही है। वेलनेस मेला पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, मानसिक परामर्श और सामाजिक कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे संवाद और वेलनेस कार्यक्रम केवल पुलिस विभाग तक सीमित न रहें, बल्कि अन्य सरकारी विभागों में भी समय-समय पर आयोजित किए जाएँ ताकि कार्यकुशलता और संवेदनशीलता दोनों को बढ़ावा मिले।
इस अवसर पर YGROO–A–Social Enterprises “Bumby” के चेयरमैन हिमांशु पवार ने भी पुलिस कर्मियों को तनाव प्रबंधन, टीम भावना और सकारात्मक सोच विकसित करने के महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी प्रतिदिन अनेक प्रकार की चुनौतियों और तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हैं, ऐसे में संवाद बनाए रखना और मानसिक संतुलन रखना अत्यंत आवश्यक है।
गौरतलब है कि “मिशन संवाद” कार्यक्रम का शुभारंभ 5 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में किया गया था। उस समय पुलिस कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया था, जिसके माध्यम से अब तक 5000 से अधिक पुलिस कर्मियों ने पंजीकरण किया है।
अब तक हल्द्वानी, नैनीताल, रुद्रपुर, अल्मोड़ा और खटीमा में आयोजित कार्यशालाओं में करीब 900 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया है, जबकि 500 से अधिक कर्मियों की वन-टू-वन काउंसलिंग भी की जा चुकी है।
“मिशन संवाद” न केवल एक कार्यक्रम है, बल्कि संवेदनशील पुलिसिंग की एक जीवंत अवधारणा है — जो पुलिस बल के मनोबल, संवाद और पारिवारिक जुड़ाव को मजबूत करने की दिशा में सशक्त प्रयास है।





















