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परिषद के तुगलकी फरमान से लेखपाल हुए परेशान, लेखपाल संघ ने राजस्व परिषद अध्यक्ष राधा रतूड़ी को सौंपा ज्ञापन, शीघ्र समाधान ना होने पर होगा विरोध::घिल्डियाल

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रोशनी पांडेय – प्रधान संपादक

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा संचालित डिजिटल कृषि योजना में आच्छादित एग्री-स्टेक कार्यक्रम में फसल बीमा, पीएम किसान व फार्मर डायरेक्टरी हेतु कृषकों का समेकित डाटाबेस तैयार किए जाने की कार्यवाही के अंतर्गत प्रदेश के भू अभिलेखों में खातेदारों के वर्तमान खतौनी के अनुसार भूमि के खसरों के क्षेत्रफल के सापेक्ष संबंधित की भूमि का पृथक- पृथक हिस्से के क्षेत्रफल का निर्धारण किया जाना है। कृषि से संबंधित समस्त योजनाओं का किसानों को लाभ देने के लिए प्रत्येक खातेदार का डाटाबेस तैयार हेतु अंतिम तिथि 31 मई 2023 रखी गयी है। बुधवार को इस संबंध में उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुकमचंद पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने देहरादून में राजस्व परिषद अध्यक्ष राधा रतूड़ी को अंश निर्धारण में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

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लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 176 के अनुसार परगना मजिस्ट्रेट के न्यायालय में जोत का विभाजन एक न्यायिक प्रक्रिया है। भू राजस्व अधिनियम की धारा 32 के अनुसार कहीं भी गाटा संख्या के क्षेत्रफल में अंश निर्धारण करने का प्रावधान नहीं है। गाटा संख्या के स्थान पर खाते में अंश निर्धारित किया जा सकता है। घिल्डियाल ने बताया कि अंश निर्धारण कार्य गुणवत्तापरक एवं त्रुटिरहित पूर्ण किए जाने हेतु समय अवधि निश्चित किया जाना उचित नहीं है तथा यदि अंश निर्धारण कार्य संपूर्ण होने के बाद यदि कोई विवाद उत्पन्न हो तो उसके निस्तारण हेतु केवल सक्षम राजस्व न्यायालयों को अपील की सुनवाई एवं निस्तारण का अधिकार प्रदान किया जाए।

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संपूर्ण कार्यवाही में राजस्व उप निरीक्षक,राजस्व निरीक्षक को संरक्षण प्रदान किया जाए, जिसमें किसी प्रकार का अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति आदि प्रदान ना किया जाए। यदि व्यवहारिक समस्याओं का समाधान जल्द ना हुआ तो लेखपाल इस कार्य को न करने के लिए विवश होंगे। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष हुकमचंद पाल,प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल तथा प्रदेश संगठन मंत्री राजेश उनियाल आदि उपस्थित रहे।

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