- ब्रांड हाउस आफ हिमालयाज की 34.52 लाख की बिक्री
- गत वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री के हाथों हुई थी हाउस आफ हिमालयाज की लांचिंग
सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक उत्तराखंड की साठ प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, ऐसे में हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण आर्थिकी के मामले में गेम चेंजर साबित होने जा रही है। योजना के तहत अगले तीन साल में कुल ब्रिकी करोड़ के पार पहुंचाते हुए, पांच लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख के पार ले जाते हुए उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
वर्तमान में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मिलेट्स बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, पहाड़ का परंपरागत लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, पर्सनल केयर, हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं। सरकार स्थानीय मेलों, त्यौहार के मौकों पर हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों को खरीदने पर जोर दे रही है। साथ ही सरकारी कार्यक्रमों और कार्यालयों के जरिए भी हाउस ऑफ हिमालयाज की बिक्री बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। दिवाली जैसे त्यौहार के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज की ओर से खास गिफ्ट पैक उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें खूब पसंद किया गया।
राज्य के समग्र विकास के लिए, गांवों की आर्थिकी मजबूत की जानी जरूरी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के परंपरागत उत्पाद अब देश विदेश में पहुंच रहे हैं, सरकारी खरीद के जरिए भी ब्रांड की मांग बढ़ाई जा रही है।