डिस्पोजल दुकान में लगी आग, लाखों का सामान नष्ट, कारोबारी की मौत”
रोशनी पांडे – प्रधान संपादक
कोतवाली थाना क्षेत्र के बहादुरगंज पुलिस चौकी के पास शनिवार को डिस्पोजल के दुकान में आग लग गई। अत्यधिक भीड़ वाले इलाके में आग लगने से अफरातफरी मची रही। मुहल्ले के लोग आग बुझाने में जुटे रहे। सूचना पाकर दमकलकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। आग की भयावहता को देखते हुए दमकल की कई गाड़ियां मौके पर बुला ली गईं।दोपहर 11.30 बजे तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर हैं। दो का पानी खत्म हो गया है। तीसरी आग बुझाने में जुटी है। सदम से दुकान के स्वामी विनोद केसरवानी की अस्पताल में मौत हो गई।कोतवाली इलाके के बहादुरगंज पुलिस चौकी के पास विनोद केसरवानी की अजय ट्रेडर्स के नाम से डिप्पोजल की बड़ी दुकान है। यह दुकान काफी पुरानी है और सड़क से करीब 85 फीट अंदर तक गोदाम बनाया गया है। दुकान पर विनोद के दो बेटे राजू और अनूप केसरी हैं।
अनूप इसी दुकान में माता-पिता, पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं। पत्नी और बच्चे कल ही रात में शहर के कटरा स्थित मायके चले गए थे। अनूप अपने माता-पिता के साथ दुकान में थे कि सुबह दस बजे शार्ट सर्किट से आग लग गई। जब तक लोग समझ पाते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आसपास के लोगों को भीड़ जमा हो गई और पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। परिजनों को सकुशल बाहर निकालने का प्रयास किया जाना लगा, लेकिन विनोद केसरवानी घर से बाहर आने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उन्होंने खून पसीने से दुकान को खड़ा किया है वह इसी में जलकर मर जाएंगे, लेकिन बाहर नहीं निकलेंगे।
किसी तरह उनको बाहर निकाला गया। सदमे के चलते अर्धअचेतावस्था में उन्हें और उनकी पत्नी को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ देर बाद विनोद केसरवानी की मौत हो गई। उनका बड़ा लड़का शहर के ही बलुआ घाट पर परिवार के साथ रहता है। आग लगने से लाखों रुपये के डिस्पोजल क्वालिटी के दोना, पत्तल, गिलास, चम्मच, कटोरी समेत आदि सामान नष्ट हो गए। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुचीं हैं। दो का पानी खत्म हो गया और तीसरी से आग बुझाया जा रहा है।
तीन मंजिले मकान में आग सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर लगी। बताशा मंडी में घनी आबादी के बीच यह मकान है, जिसमें ऊपर दूसरे तल पर परिवार रहता था, जबकि नीचे के तल पर और तीसरे तल पर दोना पत्तल का गोदाम बनाया गया था। आग तेजी से फैलने का यही कारण भी माना जा रहा है क्योंकि भारी मात्रा में दोना पत्तल स्टोर करके रखा गया था।