उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की ओर से चंपावत शहर के आसपास यातायात, ठोस अपशिष्ट चुनौतियों को.लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
रोशनी पांडे प्रधान संपादक
उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की ओर से चंपावत शहर के आसपास यातायात, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन सहित अन्य चुनौतियों को लेकर जिला कार्यालय सभागार चंपावत में जनपद के विभिन्न जनप्रतिनिधियों ,विशेषज्ञों,विभागों के अधिकारियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शहर के जन प्रतिनिधियों ने आए विशेषज्ञों के साथ पर्यावरण संरक्षण के साथ ही यातायात, पार्किंग, शिविरेज सिस्टम, शुद्ध पेयजल आदि की समस्या के समाधान को लेकर मंथन किया। इस दौरान आए जनप्रतिनिधियों ने शहर की क्षमता के आंकलन के साथ ही पानी, सीवर, यातायात, पार्किंग की समस्या की बढ़ती चुनौती से निपटने हेतु अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
प्रशासनिक अकादमी नैनीताल से आए कार्यक्रम निदेशक मनोज पांडे ने बताया कि पहले चरण में राज्य के सात शहरों का अध्ययन किया जा रहा है, जिनमें चंपावत के साथ ही नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, मसूरी, देहरादून व पौड़ी गढ़वाल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी जगह जाकर हम जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के साथ चर्चा एवं अध्ययन कर रिपोर्ट के आधार पर शहर का ब्लू प्रिंट तैयार कर रहे है।
गुरुवार को जिला सभागार में आयोजित कार्यशाला में प्रशासन अकादमी के मनोज पांडे ने कार्यशाला के उद्देश्य बताते हुए कहा कि पर्यटन बढ़ने शहरों में आबादी सहित अन्य तरह के दबाव व चुनौतियां बढ़ रही हैं। राज्य में शहरी इलाकों में बढ़ रही आबादी से पैदा चुनौतियों से निपटने के लिए अध्ययन कर ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बढ़ती आबादी व पर्यटन की चुनौती से निपटने के लिए शहरों के डिटेल अध्ययन की जरूरत है और सभी को मिलकर इसके प्रबंधन के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा पर्यटन का प्रबंधन बेहद जरूरी है, राज्य में हर साल शहरों में दस प्रतिशत आबादी बढ़ रही है। मुख्य विकास अधिकारी ने आयोजित कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताया। कहा कि हम सभी को मिलकर यह धारणा विकसित करनी होगी कि हम शहर को कैसे सभी सुविधाओं युक्त बना सकते है।
कार्यशाला में नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा, विधायक प्रतिनिधि चंपावत प्रकाश तिवारी, श्याम नारायण पाण्डेय, अध्यक्ष व्यापार मंडल विजय चौधरी, राजेंद्र गहतोड़ी तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी आरसी कांडपाल, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका चंपावत अशोक वर्मा, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बिलाल युनुस, आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पाण्डेय आदि ने चंपावत शहर की दिशा एवं दशा सुधारने हेतु अपने अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे और कहा कि शहर को विकसित करने हेतु आम जन को जागरूक होना ही होगा, सभी को व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेनी होगी, बारिश के पानी का संरक्षण करना होगा, अनियंत्रित कंस्ट्रक्शन को रोकना होगा, प्राकृतिक नौलों का संरक्षण करना होगा, प्राकृतिक सौंदर्य को बचाना होगा, जंगलों को दोहन से बचाना होगा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के साथ ही पार्किंग स्थलों का निर्माण करने के साथ ही अन्य सुझाव रखे।