
शिक्षकों का वेतन और भविष्य दोनों अटका—शिक्षा विभाग के कारनामे चौकाने वाले
उधम सिंह राठौर – प्रधान संपादक
राज्य के शिक्षा विभाग में वेतन और वेतनवृद्धि से जुड़े प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विभागीय अनदेखी का खामियाजा अब शिक्षकों और नव नियुक्त कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। कई शिक्षक महीनों से वेतन का इंतजार कर रहे हैं, जबकि कुछ की वेतनवृद्धि शर्तें पूरी करने के बावजूद रोक दी गई है। इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
तीन महीने बाद भी नहीं मिला वेतन, 580 सीआरपी–बीआरपी परेशान
आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से सितंबर में शिक्षा विभाग ने 955 में से 580 सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स पर्सन) और बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स पर्सन) की भर्ती की थी। इनकी नियुक्ति को तीन महीने होने को हैं, लेकिन अब तक एक भी वेतन नहीं मिला।
विभाग का तर्क है कि एमओयू के तहत पहले कंपनी द्वारा वेतन दिया जाएगा और बाद में कंपनी विभाग से इसकी भरपाई करेगी। लेकिन एजेंसी की देरी के कारण सीआरपी–बीआरपी आर्थिक संकट में फंस गए हैं।
भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने इसे कर्मचारियों के साथ अन्याय करार देते हुए कहा कि मामला अपर शिक्षा सचिव एम.एम. सेमवाल के संज्ञान में लाया गया है।
69 सहायक अध्यापकों का औपबंधन नहीं हटा, वेतनवृद्धि रुकी
प्रदेश में वर्ष 2001–2003 के दौरान नियुक्त 802 शिक्षा मित्रों को वर्ष 2015 में औपबंधिक सहायक अध्यापक बनाया गया था। शर्त थी कि टीईटी पास करने के बाद औपबंधन हट जाएगा और वेतनवृद्धि मिलेगी।
हालांकि 69 सहायक अध्यापक एक साल पहले टीईटी पास कर चुके हैं, फिर भी उनका औपबंधन आज तक नहीं हटाया गया। परिणामस्वरूप इन शिक्षकों को वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
विभाग के अजीबोगरीब निर्णय, शिक्षक हताश
शिक्षक संगठनों का कहना है कि—
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नियमों का पालन शिक्षक कर रहे हैं।
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लेकिन विभाग की धीमी कार्यवाही और असंगत निर्णय कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वेतन न मिलना और वेतनवृद्धि का न रुकना सीधे तौर पर शिक्षकों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रहे हैं।
समाधान की मांग तेज, विभाग पर सवाल
लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद प्रभावित शिक्षक और कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि—
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आउटसोर्स एजेंसी को वेतन देने के लिए बाध्य किया जाए।
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टीईटी पास कर चुके सहायक अध्यापकों का औपबंधन तुरंत हटाया जाए।
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वेतनवृद्धि से जुड़े प्रकरणों की त्वरित सुनवाई हो।
शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते राज्यभर में असंतोष बढ़ रहा है। कर्मचारी संगठन ने चेतावनी दी है कि समस्या जल्द हल नहीं हुई तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।






















