“विषाक्त चाय की कहानी: मैनेजर ने बुजुर्ग मां-बेटे को जहरीले चाय से मारा, फिर अपनी जान गंवाई”
रोशनी पांडे – प्रधान संपादक
आगरा के लॉयर्स कॉलोनी में मैनेजर तरुण उर्फ जॉली ने बुजुर्ग मां ब्रजेश देवी और बेटे कुशाग्र को चाय में विषाक्त घोलकर दिया था। दोनों की जब तक सांसें नहीं थम गईं, तब तक सिगरेट के कश लगाता रहा। मां-बेटे की तड़पते हुए जान निकलने के बाद खुद भी फंदा बना लिया। पुलिस ने घटनास्थल पर जांच की तो हालात यही बयां कर रहे थे। हालांकि दादी और पौत्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पता नहीं चला है। विसरा सुरक्षित रखा गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। एक तरफ मां की जिंदगी छीन ली तो दूसरी तरफ कुलदीपक बुझा दिया।
एसीपी सैयद अरीब अहमद ने बताया कि तीनों मौतों के बाद घर में जांच के लिए फील्ड यूनिट को बुलाया गया था। टीम ने साक्ष्य संकलन किया। घर में संघर्ष के निशान नहीं मिले। भूतल पर किचिन के पास बने कमरे में बुजुर्ग ब्रजेश देवी बिस्तर पर सोने वाली अवस्था में मिलीं। उनके कमरे में एक खाली गिलास और थायराइड की गोली मिलीं। वहीं पौत्र कुशाग्र पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में बेड पर पड़ा था। उसके ऊपर चादर पड़ी थी। दोनों हाथों के नाखून नीले पड़े हुए थे। मुंह से उल्टी भी हुई थी। उल्टी फर्श पर गिरी थी। इसे साफ कर दिया था। मगर, चादर पर लगी रह गई थी।